Manisha Dhanwani
31 Aug 2025
जिनेवा। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल में जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि जो लोग शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते, उन्हें समय से पहले मौत का जोखिम 20-30 प्रतिशत अधिक होता है। बता दें, इससे पहले भी कई शोध प्रकाशित हो चुके हैं, जिसमें यह बात सामने आई है कि नियमित एक्सरसाइज करने वाले लोग डायबिटीज, दिल की बीमारियों, डिप्रेशन, स्ट्रोक, अनिद्रा जैसी गंभीर समस्याओं से सुरक्षित रहते हैं।
इस बीच बीमारियों के खतरे से बचाने के लिए डब्ल्यूएचओ ने शारीरिक गतिविधियों पर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो यह स्पष्ट करती हैं कि किस उम्र के लोगों को कितनी देर और किस प्रकार की एक्सरसाइज करनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इन गाइडलाइंस का पालन करके अपनी फिटनेस को बेहतर बना सकते हैं।
बच्चे और किशोर (उम्र 5-17 साल) : डब्ल्यूएचओ के अनुसार, बच्चों और किशोरों को हर दिन कम से कम 60 मिनट मध्यम से कठिन शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। इसमें एरोबिक एक्सरसाइज और ऐसे खेल शामिल होने चाहिए, जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करे। हफ्ते में कम से कम तीन दिन इस तरह की गतिविधियां करना फायदेमंद है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सप्ताह में अगर 150 से 300 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज जैसे तेज चलना, साइकिलिंग या फिर 75 से 150 मिनट दौड़ना आदि करें तो भी सेहतमंद रह सकते हैं। ‘द जनरल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन’ में छपे शोध के मुताबिक हफ्ते में 3-4 घंटे की गई एरोबिक और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज से दिल की बीमारियों का 20 से 30% खतरा कम हो जाता है।
वयस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 से 300 मिनट मध्यम तीव्रता की शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। सप्ताह में दो दिन मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम जरूरी हैं। यह गतिविधियां वयस्कों को शारीरिक रूप से फिट रखने के लिए आवश्यक हैं।
उम्र के लोगों को भी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए। इस आयु वर्ग के लोगों को गिरने से बचने सप्ताह में 2 से 3 बार स्ट्रेंथ और बैलेंस ट्रेनिंग करनी चाहिए।
गर्भवती और प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए भी शारीरिक गतिविधि जरूरी है। उन्हें प्रति सप्ताह 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि करनी चाहिए, जिसमें मांसपेशियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां भी शामिल हों।
जिन लोगों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन्हें एक्सरसाइज करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। हालांकि वे स्वस्थ वयस्कों और बच्चों के लिए निर्धारित गाइडलाइंस का पालन कर सकते हैं।