Aniruddh Singh
12 Dec 2025
वाशिंगटन। दुनिया के सबसे सफल निवेशक और बर्कशायर हैथवे को ट्रिलियन-डॉलर साम्राज्य में बदलने वाले वॉरेन बफेट 94 वर्ष की आयु में अपने पद से हटने की घोषणा कर दी है। ओरेकल ऑफ ओमाहा कहे जाने वाले वारेन बफेट ने कंपनी के सीईओ की जिम्मेदारी ग्रेग एबेल को सौंप दी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है उनके बाद उनकी विशाल संपत्ति और पारिवारिक धरोहर को कौन संभालेगा?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बर्कशायर हैथवे के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का पद उनके बेटे हॉवर्ड ग्राहम बफेट यानी हॉवी बफेट संभालने वाले है। वॉरेन बफेट ने साल 2011 में एक इंटरव्यू में कहा था कि वे चाहते हैं कि उनका बेटा इस पद को संभाले। उन्होंने हॉवर्ड को कंपनी का गार्जियन यानी संरक्षक बताया था। उनका मानना है कि इस भूमिका के लिए सबसे जरूरी गुण है कंपनी की संस्कृति और मूल्यों की गहरी समझ, जो हॉवर्ड के पास है।
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी व शी के बीच बैठक में व्यापार, रेयर अर्थ्स, उर्वरकों और औद्योगिक उपकरणों की आपूर्ति पर हो सकती है चर्चा
हॉवर्ड बफेट को लोग प्यार से हॉवी कहकर पुकारते हैं। हॉवी किसान, समाजसेवी, लेखक और अनुभवी बोर्ड सदस्य जैसी कई भूमिकाएं संभालते हैं। वे वॉरेन बफेट के तीन बच्चों में बीच के हैं। हॉवी ने बर्कशायर हैथवे की कई सहायक कंपनियों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं। दिलचस्प बात यह है कि वे सिर्फ कारोबारी ही नहीं बल्कि शेरिफ भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने नेब्रास्का एथनॉल बोर्ड के चेयरमैन के रूप में भी काम किया और पर्यावरण तथा कृषि से जुड़े मुद्दों पर भी सक्रिय रहे हैं।
उनका काम सिर्फ बर्कशायर तक सीमित नहीं रहा है। हॉवी बफेट ने आर्चर-डेनियल्स-मिडलैंड, कोका-कोला कंपनी, कोका-कोला एंटरप्राइजेज, लिंडसे कॉरपोरेशन, कॉनएग्रा फूड्स, स्लोन इम्प्लीमेंट और बर्कशायर हैथवे जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी सेवाएं दी हैं। वह एक बेस्टसेलिंग लेखक भी हैं और उन्होंने खेती, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक कार्यों पर कई किताबें लिखी हैं। हालांकि आलोचकों ने कई बार कहा है कि हॉवर्ड के पास सीधे तौर पर कोई बड़ी कंपनी चलाने का अनुभव नहीं है।
ये भी पढ़ें: इस साल भारत में होने वाले क्वाड समिट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने की संभावना नहीं
वॉरेन बफेट हमेशा कहते रहे हैं कि उनके बेटे का काम सीईओ बनकर रोजाना का संचालन करना नहीं होगा, बल्कि यह देखना होगा कि अगर कभी सीईओ बदलने की जरूरत हो तो बोर्ड सही निर्णय ले सके। दूसरे शब्दों में, उनका काम कंपनी की मूल भावना और संतुलन को बनाए रखना होगा। वॉरेन बफेट ने अपनी संपत्ति का 99% हिस्सा परोपकार के लिए दान करने की घोषणा कर रखी है। इसके बावजूद उनकी संपत्ति इतनी विशाल है कि उनकी विरासत को संभालना आसान काम नहीं है।
उनके पास बर्कशायर हैथवे के 2 लाख 6 हजार से ज्यादा क्लास-ए शेयर हैं, जिनकी कीमत लगभग 142.9 अरब डॉलर आंकी गई है। उनके पास ओमाहा स्थित निजी मकान है, जिसकी मौजूदा कीमत 1.5 मिलियन डॉलर है। उनके पास 1971 में खरीदा गया एक अवकाश गृह भी है जिसकी आज की कीमत करीब 7.5 मिलियन डॉलर है। इसके अलावा कंपनी के पास लगभग 340 अरब डॉलर से अधिक की नकद राशि भी बताई जाती है।