Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
Hemant Nagle
26 Oct 2025
Priyanshi Soni
25 Oct 2025
Peoples Reporter
25 Oct 2025
भोपाल। रविवार सुबह भोपाल एम्स के तीन ऑपरेशन थिएटरों में एक अनोखी और भावुक कहानी लिखी गई। एक युवक के अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिली। सुबह 4 बजे एम्स भोपाल में यह जटिल और ऐतिहासिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट प्रक्रिया शुरू हुई। डॉक्टरों ने 37 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के शरीर से दिल और दोनों किडनियां निकालकर तीन मरीजों में ट्रांसप्लांट कीं।
एम्स प्रशासन के अनुसार, यह दूसरी बार है जब एम्स भोपाल में किसी ब्रेन डेड मरीज के अंगों से तीन लोगों की जिंदगी बचाई गई। डॉक्टरों की टीम शनिवार रात से पूरी तैयारी में जुटी थी और समय से सभी प्रक्रियाएं पूरी की गईं।
ब्रेन डेड घोषित युवक का दिल 40 साल की महिला के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया है। वहीं, उसकी दोनों किडनियां दो अलग-अलग मरीजों को नई जिंदगी दे रही हैं। एक किडनी का ट्रांसप्लांट एम्स भोपाल में किया गया। जबकि दूसरी किडनी को बंसल अस्पताल भेजा गया, जिसके लिए विशेष ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ग्रीन कॉरिडोर के जरिए ट्रैफिक रोके बिना अंग को समय पर और सुरक्षित रूप से अस्पताल तक पहुंचाया गया।
अंगदान की पूरी प्रक्रिया एम्स के आईपीडी ब्लॉक में पूरी की गई। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और ट्रांसप्लांट टीम ने रातभर बिना रुके काम किया। अंगदान पूरा होने के बाद, अंगदाता को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भावभीनी विदाई दी जाएगी। एम्स प्रशासन ने कहा कि यह क्षण बेहद भावनात्मक था। एक परिवार ने अपने अपनों की क्षति के बीच तीन अजनबियों को नई जिंदगी दी, यह मानवता की सबसे बड़ी मिसाल है।
मृतक युवक कुछ दिन पहले हेड इंजरी (सिर में गंभीर चोट) के बाद एम्स में भर्ती हुआ था। इलाज के दौरान उसका ब्रेन रिस्पॉन्स पूरी तरह बंद हो गया, जिसके बाद परिवार की सहमति से अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई। डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम ने 6 घंटे के अंतराल पर दो बार जांच की और पुतली, कॉर्नियल, गग, कफ, ऑकुलोसेफेलिक, ऑकुलोवेस्टिब्युलर और श्वसन (एपनिया) रिफ्लेक्स की जांच की। सभी रिफ्लेक्स अनुपस्थित पाए गए और एपनिया टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद युवक को शनिवार देर शाम ब्रेन डेड घोषित किया गया। कानूनी रूप से ब्रेन डेथ को मृत्यु के समान माना जाता है।
एम्स भोपाल के अनुसार, जिस मरीज का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा रहा है, वह आर्थिक रूप से कमजोर है। राज्य सरकार ने उसके इलाज के लिए 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। इस सहायता से सर्जरी और पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल सुनिश्चित की गई है।
एक ओर एम्स भोपाल के दो ऑपरेशन थिएटरों में एक मरीज में हार्ट ट्रांसप्लांट, दूसरे मरीज में किडनी ट्रांसप्लांट किया जा रहा था। उधर, तीसरी किडनी को बंसल अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी ट्रांसप्लांट प्रक्रिया भी एक साथ शुरू की गई। पूरे ऑपरेशन की निगरानी एम्स प्रशासन और राष्ट्रीय अंगदान समन्वय समिति (NOTTO) के प्रतिनिधियों ने की।
एम्स अधिकारियों के अनुसार, मरीज का लिवर और लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए। कारण यह रहा कि मध्य प्रदेश में फिलहाल लंग ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। मरीज के एल्कोहल सेवन के कारण उसका लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अनुपयुक्त पाया गया।