Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जीएसटी कर की दरों में सुधारों की घोषणा की है। इसके बाद से बाजार में उत्सुकता का माहौल पैदा हो गया है। पीएम मोदी ने संकेत दिया है कि नया कर ढांचा अक्टूबर में लागू किया जा सकता है, जिसे दिवाली से पहले जनता के लिए एक तोहफा माना जा रहा है। इस सुधार का सबसे बड़ा प्रभाव ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर देखा जा सकता है। फिलहाल पेट्रोल और डीजल इंजन वाली गाड़ियों पर 28% जीएसटी लगता है। इसके अलावा अतिरिक्त सेस भी वसूला जाता है। दूसरी ओर, इलेक्ट्रिक वाहन 5% और हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाले वाहन 12% स्लैब में आते हैं। अब सरकार का इरादा 12% और 28% वाले स्लैब को हटाकर सिर्फ दो दरें 5% और 18% रखना है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो ज्यादातर कारें 18% टैक्स के दायरे में आ जाएंगी, जबकि लग्जरी वाहनों पर 40% की नई दर लग सकती है। टैक्स दर में यह कटौती सीधे तौर पर गाड़ियों की शोरूम कीमत घट जाएगी। एचएसबीसी की रिपोर्ट के अनुसार अगर छोटी कारों पर कर की दर 28% से घटाकर 18% की गई है, तो उनकी कीमत 8% तक गिर सकती हैं।
इसका मतलब यह हुआ कि एंट्री-लेवल कार करीब 36,000 रुपए तक सस्ती हो सकती है, जबकि बाइक पर 6,200 रुपए तक की राहत मिल सकती है। ऑटो सेक्टर के विशेषज्ञ मानते हैं कि फिलहाल ग्राहक गाड़ी खरीदने से पहले इंतजार करेंगे, क्योंकि उन्हें कीमत घटने की उम्मीद है। हालांकि लंबे समय में यह सुधार उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद रहेगा और बिक्री को गति देगा। त्योहारों के सीजन में, खासकर दिवाली के आसपास, जब यह सुधार लागू होगा, तब मांग में इजाफा देखने को मिल सकता है। फिर भी अल्पकाल में कंपनियों के लिए स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण रह सकती है। ग्राहकों की “वेट एंड वॉच” रणनीति के कारण त्योहारों की शुरुआती बिक्री धीमी हो सकती है। लेकिन दीवाली तक कीमतों में कमी की वजह से मांग में उछाल आने की संभावना है। वाहन निर्माताओं के हालिया आंकड़े इस बदलाव की अहमियत को और मजबूत करते हैं। एसआईएएम (सियाम) के अनुसार, अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच पैसेंजर व्हीकल की बिक्री 0.7% और टू-व्हीलर की बिक्री 2.9% घटी है।
कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि महंगाई कम होने, ब्याज दरों में गिरावट और अच्छे मानसून से उपभोक्ता मांग में तेजी आएगी। मारुति सुजुकी और हीरो मोटोकॉर्प जैसी बड़ी कंपनियाँ भी दूसरी तिमाही और त्योहारों से बिक्री में सुधार की उम्मीद लगाए बैठी हैं। छोटी कारों का बाजार, जो पिछले कई सालों से लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहा है, इस सुधार से संभल सकता है। पांच लाख रुपए से कम कीमत वाली छोटी कारों की बिक्री 2016 में 10 लाख से ज्यादा यूनिट थी, लेकिन 2025 तक यह घटकर सिर्फ 25,402 यूनिट रह गई। 2020 में कुल कार बिक्री में हैचबैक की हिस्सेदारी 47% थी, जो 2024 तक घटकर केवल 24% रह गई। यदि कर में राहत मिलती है तो उपभोक्ताओं के लिए ये कारें फिर से आकर्षक विकल्प बन सकती हैं और इनकी बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। जीएसटी संरचना में होने वाला यह बदलाव उपभोक्ताओं के लिए राहत और ऑटो उद्योग के लिए नए अवसर लेकर आ सकता है। हालांकि, निकट भविष्य में बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है।