Mithilesh Yadav
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Peoples Reporter
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Mithilesh Yadav
18 Sep 2025
Mithilesh Yadav
18 Sep 2025
नई दिल्ली। देश की खुदरा ऑटो बिक्री में सितंबर के माहीने में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के अनुसार, सितंबर 2025 में देशभर में ऑटोमोबाइल डीलरों की बिक्री साल-दर-साल आधार पर 5.2% बढ़ी। यह वृद्धि मुख्य रूप से वस्तु एवं सेवा कर (GST) में की गई कटौती और त्योहारी सीजन में बढ़ी उपभोक्ता मांग की वजह से हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर के पहले तीन सप्ताह तक बिक्री अपेक्षाकृत धीमी रही, लेकिन 22 सितंबर के बाद, जब संशोधित जीएसटी दरें प्रभावी हुईं, तब से वाहन बिक्री में तेज उछाल देखने को मिली।
दो-पहिया वाहनों की बिक्री में 6.5% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि यात्री वाहनों (passenger vehicles) की बिक्री 5.8% बढ़ी। यह दर्शाता है कि जीएसटी दरों में कटौती और उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई क्रय-क्षमता का सीधा असर बाजार पर पड़ा है। रिपोर्ट में बताया गया कि नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 34% की वृद्धि दर्ज की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में नए ग्राहक शोरूम में आए और पुराने ग्राहकों ने अपने वाहनों को अपग्रेड किया। कम टैक्स दरों, आकर्षक फाइनेंस योजनाओं और त्योहारी ऑफरों के कारण बाजार में जबरदस्त रौनक रही।
एसोसिएशन ने कहा है कि बिक्री में इस सकारात्मक रुझान के पीछे कई कारक हैं-जिनमें जीएसटी में राहत, सामान्य से बेहतर मानसून, अच्छी फसल, और स्थिर ब्याज दरें शामिल हैं। इन सभी कारकों ने ग्रामीण और शहरी दोनों उपभोक्ताओं की क्रय-क्षमता को बढ़ा दिया है, जिससे बाजार में मांग लगातार मजबूत बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों में बेहतर कृषि उत्पादन और बढ़ती आय ने दो-पहिया वाहनों की बिक्री को विशेष बल दिया है, जबकि शहरी उपभोक्ता नई गाड़ियों की खरीद और पुरानी गाड़ियों के अपग्रेड की ओर रुझान दिखा रहे हैं। फेडरेशन का अनुमान है कि अक्टूबर में दिवाली के दौरान बिक्री अपने चरम पर होगी।
भारत में दिवाली पर पारंपरिक रूप से बड़ी खरीदारी का चलन है, विशेष रूप से कार, बाइक और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी उच्च-मूल्य की वस्तुओं में विशेष खरीदारी देखने को मिलती है। इसलिए डीलरशिप और वाहन निर्माता कंपनियां इस अवधि को पीक सेल्स सीजन मान रही हैं और इसके लिए स्टॉक और ऑफर दोनों तैयार रखे गए हैं। कुल मिलाकर, सितंबर की ऑटो बिक्री ने यह संकेत दे दिया है कि कर सुधारों और त्योहारी मांग ने देश के खुदरा बाजार को नई गति दी है। आने वाले महीनों में, यदि मौसमी परिस्थितियां अनुकूल रहीं और उपभोक्ता भावना सकारात्मक बनी रही, तो भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर इस वित्त वर्ष में मजबूत वृद्धि दर्ज कर सकता है।