Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। एशियाई कारोबार में गुरुवार को सोने की कीमतों में हल्की बढ़त देखने को मिली, जिसका मुख्य कारण अगले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। इसके साथ ही निवेशकों की नजरें इस हफ्ते होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता पर भी टिकी हैं। स्पॉट गोल्ड 0.2% बढ़कर 3,361.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि दिसंबर वायदा सोना 3,409.65 डॉलर प्रति औंस पर लगभग स्थिर रहा। यह लगातार तीसरा दिन है जब सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है, जबकि हफ्ते की शुरुआत में इसमें तेज गिरावट दर्ज की गई, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि सोने की सिल्लियों पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा। सोने को समर्थन देने वाला मुख्य कारक फेड की दर कटौती की संभावना है। मंगलवार को जारी आंकड़ों में अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में वृद्धि उम्मीदों के अनुरूप रही है।
इन आंकड़ों को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ के कारण कीमतों में होने वाला दबाव अभी पूरी तरह से अर्थव्यवस्था में परिलक्षित नहीं हुआ है। यह नरम आंकड़े सितंबर में फेड की नीतिगत ब्याज दर घटाने की संभावनाओं को बल देते हैं। फिलहाल बाजार अगले माह नीतिगत दर में कटौती की संभावना मानकर चल रहा है। कम ब्याज दरें, निवेशकों को सोने जैसे बिना ब्याज वाली परिसंपत्तियों के प्रति आकर्षित करती हैं। निवेशकों की नजरें अब उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीाई) और 9 अगस्त को समाप्त सप्ताह के बेरोजगारी के आंकड़ों पर हैं, जो दिन में बाद में जारी होंगे। भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी सोने के दामों को प्रभावित कर रहे हैं। व्यापारी शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाले शिखर सम्मेलन पर करीबी नजर रख रहे हैं। ट्रंप ने बुधवार को चेतावनी दी कि यदि पुतिन ने यूक्रेन में शांति की दिशा में प्रगति को बाधित किया, तो रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
कुल मिलाकर बात यह है कि यदि इस बैठक का परिणाम सकारात्मक रहे, तो सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग घट सकती है, जबकि असफल वार्ता या तनाव बढ़ने की स्थिति में सोने की कीमतों में तेजी आ सकती है। अन्य कीमती धातुओं में गुरुवार को हलचल सीमित रही। प्लैटिनम वायदा 0.2% गिरकर 1,346.65 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि चांदी वायदा 0.1% बढ़कर 38.645 डॉलर प्रति औंस पर जा पहुंचा। लंदन मेटल एक्सचेंज पर तांबा वायदा लगभग अपरिवर्तित 9,805.65 डॉलर प्रति टन पर रहा, जबकि अमेरिकी तांबा वायदा 4.50 डॉलर प्रति पाउंड पर स्थिर रहा। कुल मिलाकर, सोने का मौजूदा रुख-आर्थिक संकेतकों, ब्याज दर कटौती की उम्मीदों और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के संतुलन से तय हो रहा है इसका मतलब है कि वाले दिनों में इन दोनों मोर्चों से मिलने वाले संकेत ही इसकी अगली दिशा तय करेंगे।