People's Reporter
11 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
भोपाल। बाजार में सोना और चांदी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। इसका कारण वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितताएं और सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने-चांदी की बढ़ती लोकप्रियता है। जब-जब वैश्वक अर्थव्यवस्था और राजनीति में अस्थिरता देखने को मिलती है, तब-तब सोना और चांदी जैसी बहुमूल्य धातुएं निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प बन जाते हैं। यही कारण है इन दोनों धातुओं के दाम हाल के दिनों में लगातार नए रिकॉर्ड बनाते दिख रहे हैं। 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का मूल्य आज मंगलवार को बढ़कर 1,19,600 रुपए के नए रिकार्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। चांदी के मूल्य में भी रिकार्ड तेजी देखने को मिली है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आज ट्रेडिंग के दौरान चांदी ने 47.17 डॉलर के स्तर पर पहुंचकर नया रिकार्ड हाई बनाया। इस समय चांदी अपने उच्च स्तर से लगभग एक डॉलर प्रति औंस की गिरावट के साथ 46.16 डॉलर के स्तर पर ट्रेड कर रही है। इसके पीछे-पीछे देश में भी इनकी कीमतों में तेजी देखने को मिली।
स्थानीय सराफा बाजार में चांदी का मूल्य प्रति किलोग्राम 1,46,000 रुपए पर पहुंच गया है। जबकि फ्यूचर्स ट्रेडिंग के रेट 1,44,400 रुपए प्रति किलोग्राम हैं। सोमवार के कारोबार के दौरान भी चांदी ने रिकार्ड ऊंचाई हासिल की थी। सराफा महासंघ भोपाल के संगठन महामंत्री और प्रवक्ता नवनीत कुमार अग्रवाल का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में तत्काल गिरावट आने की संभावना नहीं दिखाई देती है। संभव है इनमें टाइम बेस्ड करेक्शन देखने को मिले, परंतु इनमें बहुत बड़े करेक्शन की संभावना नहीं है। घरेलू स्तर पर साल के अंत तक सोने में 3-4% और चांदी में 7-8% तक की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। स्थानीय बाजारों में दशहरे और दीपावली जैसे त्यौहारों में सोने और चांदी की खरीद परंपरागत रूप से बढ़ जाती है।
सोने की लगातार ऊपर जाती कीमत का एक प्रमुख कारण यह भी है कि इसे केवल आभूषण के रूप में नहीं, बल्कि वित्तीय निवेश के रूप में अधिक खरीदा जा रहा है। इसी वजह से गोल्ड ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में जबरदस्त प्रवाह देखने को मिला है। साल 2025 की पहली छमाही में ही निवेशक लगभग 1,028 टन सोना खरीद चुके हैं, जबकि पूरे 2024 में यह आंकड़ा 1,182 टन था। इसका मतलब है कि निवेशकों का रुझान पहले से कहीं ज्यादा तेज है। इस खरीद में संप्रभु कोष, दीर्घकालिक निवेशक और केंद्रीय बैंक भी शामिल हैं, जो बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं। बढ़ती कीमतों के बीच सामान्य लोगों ने खरीदारी बंद कर दी है।
इस समय बाजार में मुख्य रूप से निवेशकों की मांग देखने को मिल रही है, जिससे इन दोनों बहुमूल्य धातुओं में तेजी को बल मिल रहा है। नवनीत अग्रवाल ने कहा कई निवेशक जो पहले हिचकिचा रहे थे, अब ऊंचे दामों पर भी बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। यही वजह है कि कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। चांदी की बात करें तो इसका उपयोग न केवल आभूषणों और निवेश में होता है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों और औद्योगिक उत्पादन में भी बड़ी मात्रा में किया जाता है। इस कारण यह सोने की तुलना में अधिक अस्थिर रहती है और आर्थिक चक्र पर तुरंत प्रतिक्रिया करती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चांदी ने 42 डॉलर के स्तर को तोड़कर मजबूती दिखाई है और अब 49.80 डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
सोने-चांदी के लगातार ऊपर जा रहे भावों की वजह से स्थानीय खरीदार फिलहाल असमंजस में हैं। उन्होंने इस समय गहनों के रूप में सोने-चांदी की खरीद बहुत घटा दी है। स्थानीय स्तर पर खरीद कम होने का असर स्थानीय कारोबारियों पर सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। गहनों के रूप में उनकी बिक्री बहुत घट गई है। इसका उनके कामकाज पर असर दिखाई देता है। पहले दशहरा-दीपावली के पहले सराफा बाजार में जो रौनक होती थी, वह इस बार गायब है। इसका सबसे बुरा असर गहना कारीगरों के जीवन पर पड़ा है। लगभग 20 सालों के सराफा बाजार में ढलाई का काम कर रहे राम स्वरूप बताते हैं कि इससे पहले कोरोना में परेशान होना पड़ा। अब एक बार फिर लगभग वैसी ही स्थिति पैदा हो गई है। काम नहीं निकल रहा है, घर चलाना मुश्किल हो रहा है। बाजार में खरीदार नहीं हैं, काम आखिर कहां से निकलेगा।