Aniruddh Singh
11 Sep 2025
Shivani Gupta
10 Sep 2025
Mithilesh Yadav
10 Sep 2025
अशोक गौतम
भोपाल। प्रदेश के करीब 6 लाख इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिलकर्ता गरीबों का हक मार रहे हैं। ये गरीब बनकर सरकार से हर माह मुफ्त राशन सहित अन्य योजनाओं का वर्षों से लाभ भी ले रहे हैं। इसमें करीब ढाई लाख कारोबारी ऐसे भी हैं, जिनके पास टिन नंबर है और जीएसटी भी दाखिल करते हैं। मामला उजागर होने के बाद खाद्य विभाग ने इस तरह के सभी 6 लाख कार्डधारी के मुखिया को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जवाब देने के लिए इन्हें 15 दिन का समय दिया गया है। जवाब नहीं देने और दस्तावेजों के सत्यापन में सही पाए जाने पर इन हितग्राहियों को प्रति माह खाद्यान्न वितरण की पात्रता सूची से बाहर किया जाएगा। इसमें सबसे ज्यादा परिवार इंदौर के हैं। भोपाल, इंदौर सहित चारों महानगरों में ऐसे हितग्राहियों की संख्या 45 हजार से ज्यादा है। मप्र 5.45 करोड़ परिवारों को मुफ्त में खाद्यान्न वितरित किया जाता है।
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प्रदेश में लगातार बढ़ रहे गरीबों की पात्रता पर्ची के आवेदन लेकर को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को संदेह हुआ। मंत्रालय ने आयकर विभाग से आईटीआर दाखिल करने, इनकम टैक्स तथा जीएसटी जमा करने वाले लोगों की सूची मांगी थी। इसके बाद पात्र परिवारों और आईटीआर दाखिल करने वाले लोगों का डेटा फिल्टर किया तो पता चाला कि मप्र में मुफ्त राशन लेने वाले 6 लाख से ज्यादा परिवार के मुखिया आईटीआर दाखिल कर रहे हैं। इनमें लाखों लोग 5-10 हजार रु. तक प्रति वर्ष टैक्स भरते हैं। इसमें से ढाई लाख लोगों रिटर्न और जीएसटी दोनों जमा करते हैं।
जिस परिवार की आय 6 लाख रुपए या इससे कम होती है उसे पात्रता परिवार में शामिल किया जाता है। इन परिवारों प्रति व्यक्ति, प्रति माह 5 किलो चावल और गेहूं दिया जाता है।
इंदौर में रिटर्न जामा करने और राशन लेने वाले लोगों की कुल संख्या सबसे अधिक 23601 है। जबकि जबलपुर में इनकी संख्या 4896 है। इसी तरह भोपाल में ऐसे सामने आए मामलों की संख्या 8989 है।
मेरा लोहे की जाली सहित अन्य मटेरियल बनाने का कारोबार है। पीडीएस का राशन ले रहा हूं। खाद्य विभाग की नोटिस मेरे यहां राशन की दुकान के जरिए आया है। मैं अपनी पात्रता पर्ची सरेंडर कर दूंगा।
-सचिन चंदेल, कारोबारी, भोपाल
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मेरे यहां पीडीएस का राशन प्रति माह आता है। कपड़े की छोटी सी दुकान है। कारोबार बढ़ाने के लिए लोन भी लिया है। लोन के लिए आयकर विभाग में रिटर्न दाखिल करता हूं।
-योगेन्द्र सिंह, हितग्राही, भोपाल
हितग्राहियों का सर्वे कराया गया है। सर्वे में जो पात्रता से बाहर हैं, उनका नाम सूची से बाहर किया गया है। भारत सरकार से उपलब्ध कराए गए डेटा में यह सामने आया है कि आयकरदाता और जीएसटी दाता भी पीडीएस से राशन ले रहे हैं।
कर्मवीर शर्मा, आयुक्त, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग