Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
रांची। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 5 अगस्त को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) में अंतिम संस्कार होगा।झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी समाज के मसीहा कहे जाने वाले शिबू सोरेन का सोमवार सुबह 8:56 बजे दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया था। वह 81 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी, हृदय और फेफड़ों की बीमारियों से जूझ रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री का अंतिम संस्कार 5 अगस्त, मंगलवार को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में दोपहर 12 बजे पारंपरिक संथाल रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा। उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन उन्हें मुखाग्नि देंगे। शिबू सोरेन को बड़का नाला के पास अंतिम विदाई दी जाएगी।
मंगलवार सुबह शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर झामुमो कार्यालय में रखा गया, जहां कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा लाया गया। जहां विधायक, पूर्व विधायक और गणमान्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम संस्कार में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, आप सांसद संजय सिंह, पप्पू यादव सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे। सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी।

झारखंड सरकार ने उनके निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इन तीन दिनों तक सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द रहेंगे, ध्वज आधा झुका रहेगा, और सरकारी दफ्तरों में अवकाश रहेगा। विधानसभा का मानसून सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा – “दिशोम गुरु हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं।”

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने उन्हें "आदिवासियों की सशक्त आवाज" बताया और कहा कि झारखंड के गठन में उनकी अहम भूमिका रही है।
शिबू सोरेन को उनके समर्थक 'दिशोम गुरु' और 'गुरुजी' कहकर पुकारते थे। उन्होंने सूदखोरों और शोषण के खिलाफ आंदोलन चलाए और अलग राज्य की मांग को जन आंदोलन में बदला।