Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
ग्वालियर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को मध्यप्रदेश दौरे पर रहेंगे, जहां उनके साथ फिजी के राष्ट्रपति नैकामा लालाबलावू भी ग्वालियर पहुंचेंगे। यह दौरा केवल सांस्कृतिक महत्व का नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। दोनों नेता ग्वालियर किला और तानसेन के मकबरे का दौरा कर सकते हैं और इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की संभावना है।
संभावित कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति लालाबलावू सुबह करीब 11 बजे ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां वे ऐतिहासिक ग्वालियर किला और संगीत सम्राट तानसेन के मकबरे का अवलोकन करेंगे। इस सांस्कृतिक यात्रा के दौरान भारतीय विरासत और फिजी में बसे भारतीय मूल के लोगों के साझा सांस्कृतिक संबंधों पर भी बातचीत हो सकती है।
फिजी में लगभग 37% आबादी भारतीय मूल की है, जो 19वीं सदी में गिरमिटिया मजदूरों के रूप में वहां पहुंची थी। हिंदी और भोजपुरी जैसी भाषाएं, भारतीय त्योहार और खान-पान आज भी वहां की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। यही कारण है कि भारत और फिजी के बीच भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव गहरा है।
फिजी दक्षिण प्रशांत क्षेत्र का एक प्रमुख द्वीप देश है और हिंद-प्रशांत रणनीति में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है। भारत और फिजी दोनों क्वाड सहयोगियों के साथ बेहतर संबंध रखते हैं, जिससे समुद्री सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग की संभावनाएं बढ़ती हैं।
भारत कृषि, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में फिजी के साथ सहयोग की क्षमता रखता है। वहीं, फिजी को पर्यटन और फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में भारतीय निवेश से फायदा हो सकता है। दोनों देश UN, कॉमनवेल्थ और G77 जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विकासशील देशों के हितों के लिए मिलकर काम करते हैं।
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ग्वालियर के बाद प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 3 बजे धार जिले के बदनावर क्षेत्र जाएंगे, जहां देश के पहले पीएम मित्रा पार्क का भूमिपूजन करेंगे। इस पार्क के निर्माण से मालवा क्षेत्र के कपास उत्पादक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और लगभग 3 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि बदनावर को इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया का हिस्सा बनाया जाएगा, जिससे क्षेत्र को बेहतर सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी मिलेगी। यह इलाका पीथमपुर की तरह एक बड़ा औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होगा, जो निवेशकों और उद्योगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।