Aniruddh Singh
12 Sep 2025
लंदन। यूरोपीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को हल्की बढ़त देखने को मिली। निवेशकों का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे अमेरिकी श्रम बाजार को सहारा मिलेगा और वैश्विक निवेश माहौल में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे। पैन-यूरोपीय स्टॉक्स 600 इंडेक्स 0.1% बढ़कर 556 अंकों पर पहुंच गया। यह तीन सप्ताह बाद पहली बार है जब यूरोपीय शेयर साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने जा रहे हैं। बाजार विशेषज्ञों को विश्वास है कि फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते साल की पहली ब्याज दर कटौती करेगा। इसका सीधा असर निवेश की लागत पर पड़ेगा और कंपनियों को पूंजी जुटाने में आसानी होगी। जब अमेरिका जैसे बड़े बाजार में दरों में कटौती होती है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पूंजी प्रवाह का रुख इक्विटी बाजारों की तरफ़ बढ़ता है, जिससे यूरोप को लाभ मिल रहा है।
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क्षेत्रवार देखें तो एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में सबसे मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला है। यह क्षेत्र इस हफ्ते 5.4% चढ़ा है, जो पिछले चार महीनों की सबसे बड़ी साप्ताहिक बढ़त है। इसके पीछे मुख्य कारण भू-राजनीतिक तनाव रहे हैं। इस हफ्ते पोलैंड ने संदिग्ध रूसी ड्रोन को मार गिराया, जिससे यूरोप में रक्षा तैयारियों पर निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ। रक्षा कंपनियों के शेयरों में इस घटना के बाद तेजी आई और निवेशक मान रहे हैं कि आने वाले समय में यूरोपीय सरकारें रक्षा खर्च और बढ़ा सकती हैं। दूसरी ओर, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी नोवार्टिस के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर 2% टूट गए, क्योंकि गोल्डमैन सैक्स ने इसकी रेटिंग न्यूट्रल से घटाकर सेल कर दी है।
इसका कारण बाजार में जेनेरिक दवाओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा बताया गया है। निवेशकों को डर है कि जेनेरिक कंपनियां सस्ती दवाओं के जरिए नोवार्टिस की बाजार हिस्सेदारी को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशकों की नजरें फ्रांस की क्रेडिट रेटिंग समीक्षा पर टिकी हैं। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच आज फ्रांस की वित्तीय स्थिति पर अपनी रिपोर्ट जारी करने वाली है। कयास लगाए जा रहे हैं कि फ्रांस की रेटिंग में कटौती हो सकती है। यह चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि हाल ही में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने दो साल से भी कम समय में पांचवें प्रधानमंत्री की नियुक्ति की है। यह राजनीतिक अस्थिरता और सरकार की ऋण-आधारित खर्च नीतियों को लेकर बाजार में संदेह पैदा करती हैं।
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फ्रांस के स्थानीय प्रशासन लगातार बजट और ऋण संबंधी योजनाओं पर सहमति बनाने में असफल रहे हैं। अगर फिच ने फ्रांस की क्रेडिट रेटिंग घटाई तो निवेशकों का भरोसा कमजोर हो सकता है और सरकारी बांड पर ब्याज दरें बढ़ सकती हैं। इससे न केवल फ्रांस बल्कि पूरे यूरोपीय बाजार पर भी दबाव पड़ सकता है। कुल मिलाकर, यूरोपीय शेयर बाजार फिलहाल फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती से उत्साहित हैं और रक्षा क्षेत्र में मज़बूत प्रदर्शन ने इन्हें सहारा दिया है। हालांकि, फ्रांस की रेटिंग समीक्षा एक अहम जोखिम है, जिसका असर आने वाले दिनों में पूरे यूरोप के बाजारों की दिशा तय कर सकता है।