Aakash Waghmare
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
Manisha Dhanwani
22 Nov 2025
Aakash Waghmare
22 Nov 2025
नई दिल्ली। बिहार में वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने कहा कि बिना सबूत इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं का अपमान है, बल्कि लाखों चुनावकर्मियों की ईमानदारी पर भी सवाल उठाता है।
चुनाव आयोग ने बयान में कहा कि ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का सिद्धांत भारत के पहले आम चुनाव 1951-52 से लागू है। यदि किसी के पास यह प्रमाण है कि किसी व्यक्ति ने किसी चुनाव में दो बार मतदान किया है, तो वह इसे शपथपत्र के साथ आयोग को सौंपे। ‘वोट चोरी’ जैसे शब्द झूठा नैरेटिव बनाने की कोशिश हैं। यह देश के सभी मतदाताओं और चुनाव प्रक्रिया में लगे कर्मियों पर सीधा हमला है।
7 अगस्त: राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा सीट पर 1 लाख से अधिक वोट चोरी और एक महिला के दो बार वोट डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव में भी संदिग्ध तरीके से नतीजे बदले गए और मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं दी गई।
8 अगस्त: चुनाव आयोग ने राहुल को कहा कि अपने दावे को सही मानते हैं तो हलफनामे पर हस्ताक्षर करें, वरना माफी मांगें।
10 अगस्त: कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल के दस्तावेजों को रिकॉर्ड से मेल नहीं खाने की बात कही।
12 अगस्त: राहुल ने कहा कि अब उनके पास सबूत हैं और EC को इसे लागू करना चाहिए। उन्होंने ‘पिक्चर अभी बाकी है’ वाला बयान भी दिया।
13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार की SIR प्रक्रिया में अनुच्छेद 324 (EC की शक्तियां) और अनुच्छेद 326 (वयस्क मताधिकार) के बीच टकराव का मुद्दा सामने आया है। अदालत का कहना था कि यह सिर्फ तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि नागरिक के संवैधानिक अधिकार से जुड़ा मामला है।