Aniruddh Singh
4 Nov 2025
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4 Nov 2025
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4 Nov 2025
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4 Nov 2025
भारत की प्रवर्तन निदेशालय ने ई-कॉमर्स सेक्टर की बड़ी कंपनी मिंत्रा डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड (Myntra) के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत गंभीर कार्रवाई की है। मिंत्रा पर आरोप है कि उसने विदेशी निवेश नियमों को दरकिनार करते हुए 1654.35 करोड़ रुपए का निवेश लिया और मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार को होलसेल बिजनेस के रूप में दिखाया। इस मामले में ईडी ने मिंत्रा, उसकी सहयोगी कंपनियों और निदेशकों के खिलाफ FEMA की धारा 16(3) के तहत शिकायत दर्ज कर दी है।
जांच में यह सामने आया कि मिंत्रा ने विदेशी निवेश पाने के लिए खुद को होलसेल कंपनी दिखाया। लेकिन व्यवहार में वह मल्टी-ब्रांड रिटेल ट्रेडिंग कर रही थी। मिंत्रा ने अपने सारे उत्पाद ग्रुप की दूसरी कंपनी वेक्टर ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड को बेचे। यह कंपनी उन्हीं उत्पादों को आम ग्राहकों को बेच रही थी। इस तरह, B2B लेन-देन दिखाकर B2C मॉडल में काम किया जा रहा था। ईडी का कहना है कि यह पूरी रणनीति विदेशी निवेश की नीति को धोखा देने के लिए बनाई गई थी।
मिंत्रा और वेक्टर दोनों एक ही कारोबारी समूह की कंपनियां हैं। मिंत्रा ने सारा माल वेक्टर को भेजा और इसे B2B बिजनेस के तौर पर दिखाया गया, जिससे यह भ्रम पैदा किया गया कि कंपनी केवल होलसेल कारोबार कर रही है। लेकिन वस्तुतः वेक्टर ने वह सामान सीधे उपभोक्ताओं को बेचकर B2C व्यापार किया। इससे स्पष्ट हुआ कि कंपनी ने गलत तरीके से नियमों का फायदा उठाया और 1654 करोड़ से अधिक का विदेशी निवेश हासिल किया।
भारत की एफडीआई नीति के अनुसार, कोई भी होलसेल कंपनी अपनी ग्रुप की अन्य कंपनी को केवल 25% तक ही माल बेच सकती है। जबकि मिंत्रा ने 100% माल वेक्टर को ट्रांसफर किया। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस तरह का ढांचा बनाकर मिंत्रा ने विदेशी निवेश नियमों को दरकिनार किया और रिटेल कारोबार करते हुए भी उसे छिपाया।
इस मामले में मिंत्रा और उससे जुड़ी कंपनियों ने FEMA की धारा 6(3)(b) और भारत सरकार की 1 अप्रैल 2010 और 1 अक्टूबर 2010 की एफडीआई नीतियों का उल्लंघन किया है। इसी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने FEMA की धारा 16(3) के तहत न्यायनिर्णायक प्राधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज की है।