Aakash Waghmare
6 Nov 2025
रायपुर। लंबे समय से फरार चल रही 17 लाख रुपए की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (30) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। यह आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। कमला सोड़ी वर्ष 2011 से प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़ी रही। वह माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन की सक्रिय सदस्य थी और एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में काम करती थी। इस दौरान उसने कई हिंसक वारदातों में भूमिका निभाई और पुलिस बलों पर हमले की योजनाओं में भी शामिल रही।
कमला सोड़ी मूल रूप से ग्राम अरलमपल्ली, थाना दोरनापाल, जिला सुकमा की निवासी है। वह छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्य प्रदेश की सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय रही। तीनों राज्यों की पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर कुल 17 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। सरकार की मुहिम से प्रभावित होकर कमला सोड़ी ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण के बाद कमला सोड़ी को छत्तीसगढ़ शासन की नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई। साथ ही पुनर्वास नीति-2025 के अंतर्गत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राजनांदगांव आईजी अभिषेक शांडिल्य ने कहा कि यह आत्मसमर्पण शासन की नीतियों और सुरक्षा बलों की निरंतर कोशिशों का नतीजा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कमला सोड़ी का यह कदम उन अन्य नक्सलियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा जो अभी भी जंगलों में सक्रिय हैं। कमला सोड़ी का आत्मसमर्पण सिर्फ एक व्यक्ति का निर्णय नहीं, बल्कि उस बदलते दौर की निशानी है जहां कभी बंदूक के साए में जीने वाले लोग अब विकास, शिक्षा और शांति के रास्ते को अपना रहे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शासन की विकासोन्मुखी नीतियों, ग्रामीण अंचलों में तेजी से चल रहे निर्माण कार्यों, सड़क और संचार सुविधाओं के विस्तार तथा सिविक एक्शन कार्यक्रमों के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में अब विश्वास का माहौल बन रहा है। सुरक्षा बलों द्वारा निरंतर संवाद और जनसंपर्क से नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।