Shivani Gupta
10 Dec 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को 155% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने सख्त आर्थिक चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर 1 नवंबर तक दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो चीन को 155% तक टैरिफ (आयात शुल्क) देना पड़ सकता है। इसके साथ ही कहा कि, अब अमेरिका किसी भी देश को अपने हितों का नुकसान नहीं पहुंचाने देगा।
ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ हुई बैठक के दौरान दिया। इस बैठक में दोनों देशों ने खनिज संसाधनों पर एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। ट्रंप ने कहा, चीन अब अमेरिका का बहुत सम्मान करता है। वे हमें पहले ही 55% तक टैरिफ के रूप में भारी रकम दे रहे हैं। लेकिन अगर 1 नवंबर तक समझौता नहीं हुआ तो यह दर 155% तक बढ़ जाएगी।
ट्रंप ने कहा कि, पहले कई देशों ने अमेरिका की नीतियों का गलत फायदा उठाया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि, वे जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे ताकि दोनों देशों के बीच नया और मजबूत समझौता हो सके। ट्रंप ने कहा कि, हम ऐसा व्यापार सौदा करेंगे जो दोनों देशों और पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होगा।
ट्रंप का यह बयान उस समय आया है जब चीन ने हाल ही में 5 नए रेयर अर्थ मिनरल्स (दुर्लभ खनिजों) पर निर्यात प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम शामिल हैं। ये खनिज स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा उपकरणों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। चीन के इस कदम से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि दुनिया की 70% रेयर मटेरियल सप्लाई चीन नियंत्रित करता है।
ट्रंप प्रशासन पहले भी चीन पर भारी टैरिफ लगा चुका है, खासकर 2018-19 में जब दोनों देशों के बीच अरबों डॉलर के व्यापार पर शुल्क बढ़ाया गया था। अब ट्रंप के नए बयान से यह साफ संकेत मिल रहा है कि, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध एक बार फिर तेज हो सकता है।
बीजिंग की रेनमिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिन कनरोंग ने कहा कि, अमेरिका ने पहले चीन पर हमला किया और अब खुद को मासूम दिखाने की कोशिश कर रहा है। वहीं फुडान यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वू शिनबो का कहना है कि, ट्रंप की टीम को अपने फैसलों के नतीजों का अंदाजा नहीं है। चीन अमेरिका का दबाव बर्दाश्त नहीं करेगा।