Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से जारी व्यापार वार्ताओं के बीच अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा झटका दिया है। उन्होंने बुधवार को एकतरफा ऐलान करते हुए कहा कि 1 अगस्त 2025 से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ (Import Duty) लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा की। इसके पीछे उन्होंने रूस से भारत के बढ़ते आयात को वजह बताया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत अमेरिका का मित्र है, लेकिन भारत के साथ व्यापार असंतुलन बहुत अधिक है। उन्होंने लिखा, "भारत, अमेरिका से बहुत कम सामान खरीदता है, जबकि अमेरिका को भारी मात्रा में निर्यात करता है। इसके अलावा भारत के टैरिफ विश्व में सबसे ज्यादा हैं, जो अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"
ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत अब भी रूस से सैन्य हथियार और ऊर्जा खरीद रहा है, जबकि पूरी दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन पर हमला बंद करे। ऐसे में भारत का रूस से करीबी व्यापार अमेरिका को स्वीकार नहीं है।
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया कि भारत से आने वाले उत्पादों पर सिर्फ 25 फीसदी आयात शुल्क ही नहीं लगेगा, बल्कि "जुर्माना (Penalty)" भी लगाया जाएगा। उन्होंने इस कदम को अमेरिकी व्यापार संतुलन और रणनीतिक हितों की रक्षा से जोड़ा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत का अमेरिका को निर्यात 22.8% बढ़कर 25.51 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 11.68% बढ़कर 12.86 अरब डॉलर हुआ। यानी अमेरिका के साथ भारत का व्यापार अधिशेष लगातार बढ़ रहा है। ट्रंप प्रशासन इसी को लेकर असहज दिखाई दे रहा है।
ट्रंप ने अपने बयान में रूस से भारत की करीबी को बार-बार मुद्दा बनाया। उन्होंने कहा कि भारत आज भी सैन्य उपकरणों की बड़ी खरीद रूस से करता है और चीन के साथ मिलकर रूस से तेल व गैस का भारी आयात कर रहा है। उन्होंने इसे "यूक्रेन संकट के खिलाफ वैश्विक एकजुटता के विपरीत कदम" बताया।
ट्रंप ने 17 जुलाई को बयान दिया था कि भारत के साथ व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत चल रही है और अमेरिका के उत्पादों को भारत में शून्य शुल्क पर पहुंचाने की योजना है। लेकिन महज 12 दिन बाद उन्होंने भारत पर भारी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया।
उन्होंने इंडोनेशिया का उदाहरण देते हुए कहा था कि इंडोनेशिया से आने वाले सामानों पर अमेरिका ने 19% टैरिफ लगाया है, लेकिन इंडोनेशिया में अमेरिकी सामानों पर कोई शुल्क नहीं होगा। ट्रंप चाहते थे कि भारत भी इस मॉडल को माने, लेकिन भारत की ओर से सहमति न मिलने पर उन्होंने टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया।
अमेरिका के इस फैसले से भारत के निर्यात क्षेत्र पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर टेक्सटाइल, फार्मा, ऑटो पार्ट्स और स्टील जैसे क्षेत्रों पर। भारत सरकार की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि व्यापार मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर जवाबी रणनीति तैयार कर सकते हैं।