Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित ऐतिहासिक हुमायूं का मकबरा परिसर में शुक्रवार (15 अगस्त) को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां फतेह शाह दरगाह के एक हिस्से की छत और दीवार गिरने से 3 महिलाओं और 2 पुरुषों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं। हादसे के समय लोग बारिश से बचने के लिए दरगाह के अंदर बने कमरे में रुके हुए थे।
शुक्रवार दोपहर जुमे की नमाज के बाद भारी बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए 15 से 20 लोग दरगाह शरीफ पत्ते शाह के अंदर एक कमरे में चले गए। यह छत काफी पुरानी थी और पहले से ही दरार पड़ी हुई थी। अचानक करीब 3:51 बजे छत का एक हिस्सा गिर गया, जिसके कुछ ही देर बाद दीवार भी ढह गई। मलबे में कई लोग दब गए।
सूचना मिलते ही दिल्ली फायर सर्विस की 5 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। अब तक 11 लोगों को मलबे से निकाला गया है और उन्हें एम्स तथा LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल किसी और के दबे होने की आशंका के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
एडवोकेट मुजीब अहमद, जो वक्फ बोर्ड की ओर से मौके पर पहुंचे, ने आरोप लगाया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की लापरवाही इस हादसे की वजह बनी। उन्होंने बताया-
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले छत का एक बड़ा हिस्सा गिरा और लोग घबराकर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे। तभी दीवार भी ढह गई, जिससे कई लोग मलबे में दब गए।
हुमायूं के मकबरे का परिसर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। मुख्य मकबरे के अलावा इसमें कई छोटे स्मारक हैं, जैसे पश्चिमी प्रवेश द्वार के पास स्थित ईसा खान नियाज़ी का मकबरा, जो 16वीं सदी का है। यह परिसर न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है बल्कि मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।