Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
Manisha Dhanwani
26 Oct 2025
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में शामिल जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले हैं। मौजूदा चीफ जस्टिस भूषण आर गवई ने सोमवार को केंद्र सरकार से वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत को उनका उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की है। उनके नाम की मंजूरी के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र भेज दिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में 53वें CJI नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। परंपरा है कि मौजूदा चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह किया जाता है।
दरअसल, परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय CJI को उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगता है। वहीं इसके बाद वर्तमान CJI औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, "पद धारण करने के लिए उपयुक्त माने जाने वाले" सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज के नाम की सिफारिश करते हैं। बता दें सुप्रीम कोर्ट में जजों की रिटायरमेंट एज 65 साल निर्धारित है।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में हुआ था। उनकी उच्च शिक्षा 1981 में हिसार के स्टेट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से हुई, यहां उन्होंने ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी लॉ की डिग्री ली। साल 1984 में हिसार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में वकालत शुरू की। 1985 में जस्टिस सूर्यकांत पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट नॉमिनेट किया गया। 9 जनवरी 2004 को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में परमानेंट जज बनने तक वे हरियाणा के एडवोकेट जनरल रहे। जस्टिस सूर्यकांत को 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट किया गया था।
न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत पंडित ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णयों में अहम भूमिका निभाई। इसमें आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण को संवैधानिक ठहराने वाले संविधान पीठ के फैसले में निर्णायक भागेदारी रही। अपने कार्यकाल में अब तक उन्होंने संविधान, मानवाधिकार सहमेत लोकहित से जुड़े 1 हजार से अधिक मामलों में निर्णय सुनाएं। वर्तमान में जस्टिस सूर्यकांत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के पदेन अधिकारी के पदेन कार्यकारी अध्यक्ष है। साथ ही नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च एंड लॉ, रांची के विजिटर भी है।