Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। भारत सरकार ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से आयकर अधिनियम, 2025 को अधिसूचित कर दिया है। यह विधेयक पिछले सप्ताह संसद से पारित हुआ था और गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद कानून मंत्रालय ने राजपत्र अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के अनुसार, यह नया कानून अगले वर्ष 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा। आयकर विभाग ने इस घोषणा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, आयकर अधिनियम, 2025 को 21 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई है। यह एक ऐतिहासिक सुधार है, जो 1961 के पुराने अधिनियम को प्रतिस्थापित कर रहा है। इसके साथ ही एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरूआत होगी। नया कानून भारत की कर व्यवस्था के इतिहास में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
अब तक देश में आयकर अधिनियम, 1961 लागू था, जो 60 से अधिक सालों से चल रहा था। समय के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक व्यापार और डिजिटलाइजेशन में हुए बदलावों को देखते हुए यह अधिनियम कई मामलों में पुराना पड़ चुका था। इसलिए सरकार ने इसे बदलकर एक आधुनिक, सरल और पारदर्शी कर ढांचे की नींव रखने का फैसला किया। आयकर अधिनियम, 2025 पूरे भारत में लागू होगा। इसका उद्देश्य न केवल टैक्स नियमों को सरल बनाना है बल्कि करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान करना भी है।
सरकार चाहती है कि लोग कर कानूनों को आसानी से समझें और बिना जटिल प्रक्रिया के उनका पालन कर सकें। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया गया है कि नई व्यवस्था कर चोरी और विवादों को कम करे तथा कर संग्रहण को अधिक प्रभावी बनाए। इस अधिनियम के लागू होने के बाद व्यक्तिगत करदाताओं, कंपनियों और संस्थानों सभी पर असर पड़ेगा। पुरानी धारा और प्रावधान हटाए जाएंगे और नई परिस्थितियों के अनुसार संशोधित प्रावधान जोड़े जाएंगे। चूँकि यह अधिनियम 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा, इसलिए सरकार और आयकर विभाग को अगले कुछ महीनों में इसके नियमों और विस्तृत दिशा-निदेर्शों को स्पष्ट करना होगा। कुल मिलाकर, यह अधिनियम भारत की कर प्रणाली को अधिक आधुनिक और करदाता-हितैषी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल आर्थिक सुधारों को गति देगा, बल्कि करदाताओं और सरकार के बीच विश्वास बढ़ाने में भी सहायक होगा।