Shivani Gupta
24 Oct 2025
प्रशासन ने भिंड में अवैध रूप से कट्टा बनाने की फैक्ट्री पकड़ाई पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को दबोचा है। इनके पास से 12 देसी कट्टे, 3 जिंदा कारतूस और हथियार बनाने का सामान जब्त किया। यह कार्रवाई दीवाली पर (मंगलवार) को की है। वहीं शुक्रवार को एसपी डॉ. असित यादव और एएसपी संजीव पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है।
घटना के मुख्य आरोपी फरार है। खास बात यह है कि यूपी से दो कारीगरों को 50 हजार रुपए महीने के हिसाब से कट्टा बनाने के लिए बुलाया गया था। यह मामला थाना मौ और मेहगांव क्षेत्र के बीच रूपावई के पुरा गांव का है। यहां अवैध रूप से कट्टा बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। दरअसल मंगलवार 21 अक्टूबर को बरोही थाना प्रभारी अतुल भदौरिया को जानकारी मिली थी कि अमलेंडी तिराहे पर एक व्यक्ति बाइक से अवैध हथियार लेकर बेचने के लिए जा रहा है।
इस घटना में लिप्त आरोपी ने बताया कि वह चार साथियों के साथ रूपावई के पुरा गांव में खेत में बनी तिवरिया पर अवैध हथियार फैक्ट्री चला रहा था। उन्होंने जमीन मालिक को 20,000 रुपए महीने का किराया दिया था, जबकि उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से दो कारीगरों को ₹50,000 हर महीने पर कट्टे बनाने के लिए बुलाया गया था। जहां इस फैक्ट्री में अब तक 22 देसी कट्टे बनाए जा चुके थे, जिनमें कुछ 32 बोर और कुछ 315 बोर के थे। पुलिस ने फैक्ट्री सेकई सामानों को जब्त किया है इनमें कुल 12 कट्टे, 3 कारतूस, एक होण्डा साइन मोटरसाइकिल (MP06 MG 1761) और कट्टा बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान जब्त किए हैं। इसमें ड्रिल मशीन, ब्लोवर मशीन, ग्राइंडर पत्ते, छड़ें, हथौड़े, फनर पत्तियां और लोहे की जाली शामिल हैं।
पुलिस ने जब पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की तो सामने आया कि वे कट्टे 9 हजार रुपए प्रति नग के हिसाब से बेचते थे। पकड़े गए पांच आरोपियों में से तीन खरीदार हैं। फैक्ट्री का मास्टरमाइंड और दोनों कारीगर फिलहाल फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया गया है।
एएसपी संजीव पाठक ने बताया कि जिले में अवैध हथियार निर्माण और तस्करी की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इससे पहले भी पुलिस ने डीडी बीहड़ क्षेत्र में अवैध हथियार फैक्ट्री पकड़ी थी।