Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
Aakash Waghmare
23 Nov 2025
Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
Aakash Waghmare
23 Nov 2025
Manisha Dhanwani
23 Nov 2025
नई दिल्ली। भारत विभाजन की विभीषिका को लेकर NCERT ने नया मॉड्यूल जारी किया है, जिसमें मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस पार्टी और लॉर्ड माउंटबेटन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। यह मॉड्यूल कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए तैयार किया गया है। ये नियमित पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि पूरक सामग्री के रूप में स्कूलों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
मॉड्यूल के मुताबिक जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग उठाई, कांग्रेस ने विभाजन को स्वीकार किया और माउंटबेटन ने इसे लागू कर दिया। इन तीनों को बंटवारे का मुख्य कारण बताया गया है। इसी क्रम में पंडित जवाहरलाल नेहरू के एक भाषण का हिस्सा भी शामिल किया गया है। नेहरू ने उस वक्त कहा था कि हम एक ऐसी स्थिति पर आ गए हैं जहां हमें या तो विभाजन को स्वीकार करना होगा या फिर निरंतर संघर्ष और अराजकता का सामना करना होगा।
मॉड्यूल में लिखा है कि 1947 से 1950 के बीच भारत विभाजन ने देश की एकता को गहरा आघात पहुंचाया। इससे सामूहिक हत्याएं और बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ, पंजाब और बंगाल की अर्थव्यवस्थाएं बर्बाद हो गईं और सांप्रदायिक अविश्वास गहरा हो गया। इसमें जम्मू-कश्मीर का भी उल्लेख है कि विभाजन ने राज्य को सामाजिक, आर्थिक और जनसंख्या के स्तर पर कमजोर कर दिया। बाद में आतंकवाद के चलते यह स्थिति और बिगड़ती चली गई।
NCERT ने स्पष्ट किया है कि यह कंटेंट छात्रों की नियमित किताबों में नहीं जोड़ा जाएगा। इन्हें विशेष मॉड्यूल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि छात्रों को चर्चाओं, वाद-विवाद और पोस्टर गतिविधियों के जरिए इस विषय को समझाया जा सके। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को भी इसी तरह के मॉड्यूल में जोड़ा गया था।
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नए मॉड्यूल की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्द जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा था कि बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। लाखों बहनें और भाई विस्थापित हो गए और नासमझी तथा नफरती हिंसा के कारण कई लोगों की जान चली गई। प्रधानमंत्री ने कहा था कि संघर्षों और बलिदानों की याद में देश 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाता है।
NCERT ने पिछले महीने ही कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की किताब में बदलाव किए थे। इसमें मुगल शासकों के धार्मिक फैसलों, सांस्कृतिक योगदान और उनकी कठोर नीतियों की नई व्याख्या जोड़ी गई है। यह संशोधित किताब 2025-26 शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में लागू होगी।