Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। एशियाई शेयर बाजारों में बुधवार को व्यापक खरीदारी देखने को मिल रही है। एशियाई शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट के तेज उछाल का अनुसरण करते दिखाई दे रहे हैं। यह बढ़त अमेरिकी महंगाई के अपेक्षाकृत नरम आंकड़ों के बाद आई है, जिसने निवेशकों की यह उम्मीदें मजबूत की है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले महीने ब्याज दरों में एक कटौती कर सकता है। जापान का निक्केई 225 सूचकांक 1.5% बढ़कर 43,347.31 अंकों पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। जापान का व्यापक टॉपिक्स सूचकांक भी लगातार छठे दिन बढ़त के साथ 3,098.33 अंकों पर कारोबार कर रहा है। अमेरिका के जुलाई माह के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में सिर्फ 0.2% की मासिक वृद्धि और 2.7% की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई, जिसे बाज़ार ने मध्यम माना है। यह आंकड़े संकेत देते हैं कि मुद्रास्फीति दबाव में है और फेड अगले महीने 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती कर सकता है। सीएमई के फेडवाच टूल के अनुसार, बाज़ार अब लगभग 94% संभावना मान रहा है कि सितंबर में ब्याज दर घटेगी।
एशिया के अन्य बाजारों में भी सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है। भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला है। सेंसेक्स सुबह 9.53 बजे 216.71 अंकों की बढ़त के साथ 80470.07 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है, जबकि एनएसई का निफ्टी 96 अंकों की बढ़त के साथ 24,584.60 के स्तर पर बढ़त में है। चीन का शंघाई कंपोज़िट सूचकांक 0.3% और शंघाई शेन्जेन सीएसआई 300 सूचकांक 0.4% बढ़ा है। हांगकांग का हैंगसेंग 1.3% चढ़ा, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.5% और सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स 0.8% ऊपर है। भारत के निफ्टी 50 के वायदा में खास बदलाव नहीं हुआ। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में तस्वीर थोड़ी अलग रही। वहां का एसएंडपी/एएसएक्स 200 सूचकांक 0.5% गिर गया, जो हाल ही के रिकॉर्ड स्तरों से नीचे आ गया। इसकी वजह कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (सीबीए) के नतीजे रहे। बैंक ने अपने पूरे वित्त वर्ष का अब तक का सबसे बड़ा मुनाफा घोषित किया, लेकिन इसके शेयर 5% से अधिक गिरकर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गए।
निवेशकों को कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (सीबीए) के ऊंचे मूल्यांकन और अस्थिर ट्रेडिंग आय पर निर्भरता को लेकर चिंता रही। यह गिरावट ऑस्ट्रेलिया के वित्तीय क्षेत्र पर दबाव डाल गई। इसके एक दिन पहले, ऑस्ट्रेलिया के रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उन्हें 3.60% पर ला कर संकेत दिया था कि इस साल आगे भी दरों में कटौती की संभावना है। कुल मिलाकर, एशियाई बाजारों में तेजी की मुख्य वजह अमेरिकी महंगाई के नरम आंकड़े और फेड की संभावित नरम मौद्रिक नीति का संकेत है, जबकि जापान का शेयर बाजार नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया में स्थानीय कारकों ने बाजार को नीचे खींचा है। यह स्थिति बताती है कि वैश्विक रुझानों के साथ-साथ स्थानीय आर्थिक और कॉर्पोरेट घटनाएं भी क्षेत्रीय बाजारों के प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।