Priyanshi Soni
4 Nov 2025
ढाका। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। देश के सभी प्राइमरी स्कूलों में म्यूजिक के टीचर्स की भर्ती पर पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के विरोध के कारण लिया गया है। इसके साथ ही बांग्लादेश सरकार ने स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति को भी रद्द करने का फैसला लिया है। यह जानकारी प्राथमिक एवं जन शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दी है।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी मसूद अख्तर खान ने जानकारी देते हुए कहा..."हालांकि पिछले अगस्त में जारी नियमों में पदों की चार अलग-अलग कैटेगरी थीं, लेकिन संशोधन में दो कैटेगरी शामिल रही। लेकिन गीत और शारीरिक शिक्षा के सहायक शिक्षकों के पद नए नियमों में शामिल नहीं हैं। दूसरी ओर बीडी न्यूज 24 ने जब मसूद से फैसला मजहबी समूहों के दबाव में लेने को लेकर बात की तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि वे बोले कि आप जांच कर सकते हैं।
स्कूलों में संगीत को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी (JeI) और कई अन्य धार्मिक संगठनों ने इसका विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि म्यूजिक और डांस को शामिल करना मतलब इस्लाम के विरुद्ध साजिश। इस मामले पर हिफाजत-ए-इस्लाम नाम के संगठन के सीनियर नेता साजिदुर रहमान ने भी बताया कि संगीत पढ़ाना इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके साथ ही बांग्लादेश के कट्टरपंथियों की वर्तमान मांग इस्कॉन पर बैन लगाने की है। उनके अनुसार यह कट्टरपंथी संगठन हैं।
कुछ समय पहले कट्टरपंथियों ने यूनुस सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर इस तरह के टीचर भर्ती की गई, तो बच्चे मजहब से दूर हो सकते हैं। उनकी मांगे थे कि कि स्कूलों में धार्मिक और नैतिक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाए। इस्लामिक मूवमेंट बांग्लादेश के एक लीडर सैयद रजाउल करीम ने कहा था- डांस और म्यूजिक सिखाने से बच्चे अपना रात्सा भटक सकते हैं। ऐसे में उन्होंने धमकी दी है कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी, तो वे सड़कों पर उतरेंगे।