
वाशिंगटन। अमेरिका में हिरणों को होने वाली जॉम्बी डियर डिजीज का पता चला है। इस वायरस की चपेट में आए हिरण अजीबोगरीब हरकतें कर रहे हैं, क्योंकि इस बीमारी के चलते उनके ब्रेन में छेद हो गए हैं। पिछले दो महीने में अमेरिका के करीब 32 प्रांत और कनाडा के चार प्रांतों में हिरणों को ये अजीबोगरीब बीमारी हुई है। डॉक्टरों ने इसे क्रॉनिक वेस्टिंग डिजीज की श्रेणी में रखा है और चेतावनी जारी की है कि लोग हिरण, मूस और एल्क जैसे जानवरों का मांस खाने से परहेज करें।
इस बीमारी में न्यूरोलॉजिकल समस्या होती है। इसमें हिरण नशे में दिखता है। आलसी बना रहता है। लड़खड़ता हुआ दिखता है। वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता है कि कहीं ये बीमारी बंदरों तक ना पहुंच जाए, क्योंकि बंदर इंसानी इलाकों में रहते आए हैं और अगर ये बीमारी बंदरों में फैली तो इंसान इसके सबसे ज्यादा शिकार हो सकते हैं।
घातक और संक्रामक बीमारी
जॉम्बी डियर डिजीज एक घातक और संक्रामक बीमारी कही जा रही है, जो सर्विड्स नामक जानवरों के एक समूह पर हमला करती है। इस समूह में हिरण , रेंडियर, मूस, एल्क और कारिबू जैसे जानवर शामिल हैं। इस बीमारी के तहत असामान्य प्रोटीन के कण (प्रियोन) जानवरों के ब्रेन के टिश्यूज में जमा होने लगते हैं। कहा जा रहा है कि ये बीमारी संक्रामक है और संक्रमित जानवरों के तरल पदार्थ, मल मूत्र, वनस्पति या मिट्टी के संपर्क से भी दूसरे जानवरों को फैल सकती है। अगर ये बीमारी किसी चारागाह या अस्तबल या वन्यजीव संरक्षण में आ जाए तो इससे भारी संख्या में जानवर संक्रमित हो सकते हैं।