Mithilesh Yadav
22 Oct 2025
Mithilesh Yadav
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Mithilesh Yadav
21 Oct 2025
Peoples Reporter
21 Oct 2025
Priyanshi Soni
21 Oct 2025
धर्म डेस्क। छठ पूजा के मौके पर सुहागिन महिलाएं पूरे सोलह श्रृंगार करती हैं। इन श्रृंगारों में सबसे खास होता है सिंदूर, जो सुहाग और पति की लंबी उम्र का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं, जिसे बहुत शुभ माना गया है।
हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं की मांग में सिंदूर उनके पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना का प्रतीक है। मान्यता है कि जितना लंबा सिंदूर लगाया जाता है, पति की उम्र उतनी ही लंबी होती है।
कहा जाता है कि जंगल में रहने वाले वीरवान नाम के युवक ने एक बार धीरमति नाम की युवती को जंगली जानवरों से बचाया। दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। एक दिन कालू नाम के व्यक्ति ने वीरवान पर हमला कर दिया। धीरमति ने बहादुरी दिखाते हुए कालू को मार दिया। घायल वीरवान ने जब प्यार से धीरमति के सिर पर हाथ रखा, तो उसका माथा खून से रंग गया।
तभी से माना गया कि सिंदूर प्रेम, साहस और समर्पण का प्रतीक है। छठ पूजा के दिन नाक तक सिंदूर लगाने का मतलब पति की लंबी आयु और मजबूत रिश्ते की कामना है।
नाक से माथे तक का हिस्सा हमारे शरीर के अजना चक्र से जुड़ा होता है। यह चक्र मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति को बढ़ाता है। लंबा सिंदूर लगाने से यह चक्र सक्रिय होता है, जिससे महिलाओं को मानसिक शांति, आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच मिलती हैं।
महाभारत में द्रौपदी के लंबे सिंदूर का भी वर्णन मिलता है। जब पांडव जुए में हार गए और दुशासन द्रौपदी को सभा में ले जाने आया, तब द्रौपदी ने जल्दबाजी में पूरी सिंदूरदानी अपने माथे और नाक तक डाल ली, क्योंकि कहा जाता है कि सुहागिन स्त्री अपने पति के सामने बिना सिंदूर के नहीं जाती। इसके बाद महाभारत युद्ध तक द्रौपदी लंबे सिंदूर के साथ रही यह उसके सम्मान, साहस और श्रद्धा का प्रतीक बना।