Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर 1:45 बजे बादल फटने से भारी तबाही मच गई। खीर गंगा नदी में अचानक आए सैलाब और मलबे ने महज 34 सेकेंड में पूरे गांव को बहा दिया। इस हृदयविदारक हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
घटना के दौरान जैसे ही लोगों ने पहाड़ों से आता हुआ मलबा और पानी देखा, पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग भागने की कोशिश में थे लेकिन सैलाब की रफ्तार ने किसी को मौका नहीं दिया। कई होटल, होमस्टे और दुकानें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं और बह गईं। धराली का पूरा बाजार तबाह हो चुका है। घटना के कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें मलबे की भयावहता साफ नजर आ रही है।
हादसे के तुरंत बाद SDRF, NDRF और पुलिस के साथ भारतीय सेना की 150 सदस्यीय टुकड़ी राहत और बचाव कार्य में जुट गई है। सेना की टीम हर्षिल कैंप से मात्र 10 मिनट में मौके पर पहुंच गई और अब तक 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। घायलों को प्राथमिक इलाज के लिए हर्षिल के सेना चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया गया है।
SDRF कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। भारी मलबा और बहाव राहत कार्य में बाधा बन रहा है। इसके अलावा रात में तापमान गिरने से भी हालात और मुश्किल हो जाते हैं। धराली का इलाका भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है, जिससे राहत अभियान और भी जटिल हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर शोक जताया और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री धामी ने आश्वासन दिया कि प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और हालात पर पूरी नजर रखी जा रही है।
धराली गांव उत्तरकाशी जिले में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन और तीर्थ स्थल है, जो गंगोत्री धाम से सिर्फ 10 किमी और देहरादून से 218 किमी दूर है। यह क्षेत्र चारधाम यात्रा मार्ग में आता है, जिस वजह से यहां कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे मौजूद हैं। धराली को "मां गंगा का मायका" भी कहा जाता है, क्योंकि गंगोत्री मंदिर के बंद होने पर मां गंगा की मूर्ति मुखबा गांव लाई जाती है, जो धराली के पास ही है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र लगातार प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में है। उन्होंने इस पर राष्ट्रीय स्तर पर गहरी सोच और नीति की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके या नुकसान को कम किया जा सके।