Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
चमोली। उत्तराखंड के चमोली जिले में शनिवार तड़के बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई। इस हादसे में मलबे के नीचे कई घर और वाहन दब गए हैं। जानकारी के अनुसार, 20 वर्षीय कविता नाम की युवती मलबे में दब गई है, जबकि जोशी नामक एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। चमोली के एडीएम विवेक प्रकाश ने बताया कि अचानक आई बाढ़ और मलबे के कारण काफी नुकसान हुआ है। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर भी स्थापित किए हैं। जिला अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और पूरी मशीनरी राहत कार्य में जुटी है। हालांकि, सड़कें बंद हो जाने से बचाव कार्यों में बाधा आ रही है और लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य के कई जिलों-देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और अल्मोड़ा-में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी शनिवार दोपहर तक प्रभावी रहेगी।
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इसमें गरज-चमक के साथ अत्यधिक तेज बारिश की आशंका जताई गई है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में अचानक भूस्खलन, नदियों का जलस्तर बढ़ना और बाढ़ जैसे खतरे बने रहेंगे। पिथौरागढ़ ज़िले में भी बारिश और भूस्खलन के चलते थल–मुनस्यारी और मुनस्यारी–मिलम सड़कें बंद कर दी गई हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे वर्षा और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में सतर्क रहें और अनावश्यक जोखिम न लें। इससे पहले बुधवार को उत्तरकाशी के डबरानी क्षेत्र में गंगोत्री हाईवे पर पहाड़ी से गिरे मलबे के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और इसे बेहद पीड़ादायक बताया है। इसी बीच, हर्षिल क्षेत्र में भारी बारिश से एक नई झील बन गई है। बचाव एजेंसियां इस झील का पानी निकालने के प्रयास में लगी हुई हैं, ताकि आसपास के गांवों और सड़कों को बड़े खतरे से बचाया जा सके। यमुनोत्री क्षेत्र के स्यांचट्टी में भी मलबा गिरने से यमुना नदी का बहाव रुक गया है, जिसके कारण पानी रिहायशी इलाकों में भरने लगा है।
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उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और लगातार बदलते मौसम का पैटर्न इसे आपदा-प्रवण राज्य बना देते हैं। पहाड़ी इलाकों में हो रही बेतहाशा कटाई, अवैज्ञानिक निर्माण और जलवायु परिवर्तन से ऐसे हादसों का खतरा और बढ़ जाता है। लगातार हो रही बारिश और बादल फटने जैसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि राज्य को मजबूत आपदा प्रबंधन और सतत विकास की दिशा में तेजी से काम करना होगा। यह हादसा न केवल प्रभावित परिवारों के लिए पीड़ा लेकर आया है बल्कि पूरे राज्य के लिए चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अधिक सुदृढ़ तैयारी की आवश्यकता है। राहत एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं, लेकिन मौसम की चुनौती और दुर्गम इलाकों के कारण कार्य कठिन बना हुआ है। फिलहाल प्रशासन का लक्ष्य फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना और प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाना है।