Aniruddh Singh
16 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अगले हफ्ते ऐतिहासिक मुलाकात अलास्का में होने जा रही है। यह पहली बार होगा जब दोनों नेता अमेरिका की जमीन पर आमने-सामने बैठकर बातचीत करेंगे। बैठक से पहले ही ट्रंप ने भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिसे रूस के लिए सीधा झटका माना जा रहा है।
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में भारत पर रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% टैरिफ लगा दिया। इससे पहले भारत पर पहले ही 25% शुल्क लागू था, यानी अब कुल टैरिफ 50% हो गया है।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा- "जब अमेरिका का राष्ट्रपति रूस के सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार से कहता है कि अगर आप रूस से तेल खरीदोगे तो हम आप पर 50% टैरिफ लगाएंगे, तो यह निश्चित रूप से रूस के लिए बड़ा झटका है।" अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा है कि इन टैरिफ का असर रूस की अर्थव्यवस्था पर सीधा पड़ा है और उसकी स्थिति कमजोर हुई है।
भारत ने अमेरिकी कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अनुचित, अव्यावहारिक और अस्वीकार्य बताया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत अब अमेरिका के कुछ उत्पादों पर 50% तक जवाबी टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो यह ट्रंप प्रशासन के खिलाफ भारत की पहली औपचारिक ‘पलटवार’ कार्रवाई होगी।
अगले हफ्ते होने वाली यह बैठक कई कारणों से खास है-
ट्रंप ने कहा कि पुतिन से मुलाकात के पहले दो मिनट में ही उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि कोई समझौता संभव है या नहीं। “शायद मैं सिर्फ शुभकामना कहकर वापस आ जाऊं, अगर सौदे की संभावना नहीं दिखी तो।”
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवाद फरवरी से तेज हुआ, जब अमेरिका ने स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 50% कर दिया गया। इसका असर भारत के अरबों डॉलर के निर्यात पर पड़ा।
ट्रंप प्रशासन चाहता है कि भारत कृषि और डेयरी सेक्टर में रियायत दे, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार समझौता अटक गया है।