Shivani Gupta
2 Dec 2025
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1 Dec 2025
Manisha Dhanwani
1 Dec 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय विद्रोही संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और उसके सहयोगी मजीद ब्रिगेड को विदेशी आतंकी संगठन (FTO) की सूची में डाल दिया है। यह ऐलान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार देर रात किया। अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह कदम आतंकवाद के खिलाफ उनकी वैश्विक प्रतिबद्धता को दर्शाता है और आतंकी संगठनों की फंडिंग व नेटवर्क सपोर्ट पर सीधा असर डालेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, BLA ने 2024 में कराची एयरपोर्ट और ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स के पास आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी ली थी। वहीं मार्च 2025 में इस संगठन ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर 31 लोगों की हत्या कर दी थी, जबकि 300 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया था।
मार्को रुबियो ने कहा, "ऐसे संगठन वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा हैं। इन्हें FTO लिस्ट में डालना उनके वित्तीय व परिचालन समर्थन को खत्म करने का असरदार तरीका है।"
अमेरिका के लिए खतरा माने जाने वाले संगठन- FTO लिस्ट में वही संगठन शामिल होते हैं जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या नागरिकों के लिए खतरा माने जाते हैं।
सहायता देने पर कानूनी कार्रवाई- किसी भी व्यक्ति या संस्था द्वारा इन संगठनों को पैसे, हथियार या अन्य सहयोग देना आपराधिक अपराध माना जाएगा और उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
संपत्ति जब्ती- अमेरिका में मौजूद BLA और मजीद ब्रिगेड की संपत्तियों को जब्त किया जा सकेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इनके नेटवर्क को खत्म करने के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा।
अमेरिका का यह फैसला ऐसे समय आया है जब पाकिस्तानी आर्मी चीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर डेढ़ महीने में दूसरी बार अमेरिका पहुंचे हैं। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने वैश्विक स्तर पर बलूच विद्रोहियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की अपील की थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हाल के दिनों में बने मधुर रिश्तों का परिणाम भी है।
इससे पहले 18 जुलाई 2025 को अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को भी FTO और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) सूची में शामिल किया था। TRF, लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन है और अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
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