वॉशिंगटन/नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के बीच एक सकारात्मक संकेत सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच चल रही ट्रेड नेगोशिएशन जल्द ही सकारात्मक नतीजे पर पहुंचेगी। ट्रम्प ने यह भी कहा कि वे आने वाले हफ्तों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करेंगे, ताकि दोनों देशों के बीच मौजूद व्यापारिक बाधाओं को दूर किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसका स्वागत करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं और व्यापार वार्ता असीम संभावनाओं को उजागर करने का रास्ता बनाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में लिखा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार बैरियर को हटाने की बातचीत जारी है। उन्होंने आगे कहा कि वे अपने अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हैं। ट्रम्प ने लिखा, "मुझे पूरा भरोसा है कि यह बातचीत दोनों महान देशों के लिए सफल परिणाम लेकर आएगी।"
इससे पहले 6 सितंबर को ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध बहुत खास हैं और वे हमेशा पीएम मोदी के दोस्त बने रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि हालिया कुछ कदम उन्हें पसंद नहीं आए, लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रम्प के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि भारत और अमेरिका अच्छे दोस्त और नेचुरल पार्टनर हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों देशों की टीमें व्यापार वार्ता को जल्द से जल्द पूरा करने में जुटी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों का सहयोग एक उज्जवल और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करेगा।
उन्होंने लिखा, "भारत-अमेरिका साझेदारी के असीमित संभावनाओं को खोलने का यह मार्ग प्रशस्त करेगा। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से बातचीत के लिए उत्सुक हूं।"
इस बातचीत का मुख्य कारण भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक टेंशन हैं। अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इसका मुख्य आरोप भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना बताया गया है। इसके कारण भारत का लगभग 85 हजार करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट प्रभावित हुआ है।
इस विवाद को हल करने के लिए दोनों देशों की टीमें पिछले छह महीनों से बातचीत कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया। इसके बावजूद, ट्रम्प और मोदी के बीच बातचीत के संकेत को द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के रूप में देखा जा रहा है।