Shivani Gupta
25 Sep 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा आर्थिक फैसला लेते हुए ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। हालांकि, यह टैरिफ उन कंपनियों पर नहीं लगेगा, जो अमेरिका में ही दवा बनाने के लिए अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की स्थापना कर रही हैं।
भारत पर अमेरिका ने पहले ही 27 अगस्त 2025 से 50% टैरिफ लागू कर दिया था। इस टैक्स का असर कपड़े, जेम्स-ज्वेलरी, फर्नीचर और सी-फूड जैसे प्रोडक्ट्स पर पड़ा है। हालांकि, उस समय दवाओं को इससे बाहर रखा गया था। अब नए नियम के बाद ब्रांडेड दवाइयों पर भी असर देखने को मिलेगा।
अमेरिका ने जेनेरिक दवाओं को 100% टैरिफ से बाहर रखा है। इसकी बड़ी वजह यह है कि, जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से 80-90% तक सस्ती होती हैं और अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम इन्हीं पर बहुत ज्यादा निर्भर है। अगर इन पर टैक्स बढ़ा दिया जाता तो अमेरिका में इलाज बेहद महंगा हो जाता और आम नागरिकों की जेब पर सीधा असर पड़ता।
ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि, दवाओं की सप्लाई चेन पर पूरी तरह से दूसरे देशों पर निर्भर रहना अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। महामारी के समय यह साफ हो चुका है कि अगर सप्लाई बाधित होती है तो अमेरिका में दवाओं की भारी कमी हो सकती है।
ट्रंप ने कहा- '1 अक्टूबर से हम ब्रांडेड या पेटेंटेड दवाई पर 100% टैरिफ लगा देंगे, सिवाय उन कंपनियों के जो अमेरिका में अपना दवा बनाने वाला प्लांट लगा रही हैं। 'लगा रही हैं' का मतलब होगा कंस्ट्रक्शन चल रहा है। इसलिए, अगर कंस्ट्रक्शन शुरू हो गया है, तो उन दवाइयों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।'
(सभी आंकड़े 2024 के हैं। सोर्स: कंपनियों की एनुअल रिपोर्ट)
ब्रांडेड दवाएं:
जेनेरिक दवाएं:
सिर्फ दवाएं ही नहीं, बल्कि अमेरिका ने अन्य प्रोडक्ट्स पर भी नए टैरिफ लगाए हैं।
ट्रंप का कहना है कि, विदेशी उत्पाद अमेरिकी बाजार को सस्ते दामों पर भर रहे हैं, जिससे स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि वे इस तरह के आयात पर रोक लगाने के लिए कदम उठा रहे हैं।
भारत हर साल अमेरिका को करीब ₹7.59 लाख करोड़ का निर्यात करता है।