Aniruddh Singh
7 Oct 2025
Aniruddh Singh
7 Oct 2025
Aniruddh Singh
7 Oct 2025
Aniruddh Singh
5 Oct 2025
भारत के लोग और भारतीय उद्योग जगत आज रतन टाटा (Ratan Tata Death Anniversary) को याद कर रहे हैं। आज उनकी प्रथम पुण्यतिथि है, 9 अक्तूबर 2024 को रतन टाटा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनका जाना इंडियन इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए भी एक बड़ा लॉस रहा, लेकिन उनकी कमी सबसे ज्यादा 150 वर्ष पुराने औद्योगिक घराने को खल रही है। क्योंकि, पिछले साल अक्तूबर से लेकर अब तक टाटा समूह के मार्केट कैप (TATA Group Market cap Loss) में लगातार गिरावट हुई है और करीब 75 अरब डॉलर (6.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा) का बाजार पूंजीकरण साफ हो गया है।
इस एक साल के दौरान टाटा ग्रुप की दिग्गज कंपनियों टीसीएस, वोल्टास, टाटा केमिकल्स, टाटा पावर, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, टाटा टेक, टाटा एलेक्सी और तेजस के शेयरों में 50 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है।
पिछले एक साल में टाटा ग्रुप के कई प्रमुख शेयरों में जोरदार बिकवाली हुई है। तेजस नेटवर्क, Trent Limited, टाटा टेक्नोलॉजी, टाटा मोटर्स और टीसीएस जैसे बड़े नामों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। साथ ही, टाटा संस के बोर्ड में नियुक्तियों और समूह के भीतर चल रहे विवाद ने इंडस्ट्री में चिंता बढ़ा दी है।
तेजस नेटवर्क: पिछले एक साल में तेजस नेटवर्क के शेयर लगभग 50% गिर गए हैं। 9 अक्टूबर 2024 को इनकी कीमत 1180 रुपए थी, जो अब घटकर 587 रुपए हो गई है।
Trent Limited: टाटा की रिटेल कंपनी Trent के शेयर 45% तक गिरे हैं। अक्टूबर 2024 में 8220 रुपए के करीब था, अब 4625 रुपए के स्तर पर है।
टाटा टेक्नोलॉजी: लिस्टिंग के बाद अच्छी कमाई कराने वाला यह स्टॉक भी 32% गिर चुका है। 1048 रुपए से घटकर 713 रुपए हो गया है।
टाटा मोटर्स: ऑटोमोबाइल क्षेत्र की यह कंपनी भी 28% की गिरावट में है, शेयर की कीमत 939 से 671 रुपए तक पहुंच गई है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस): देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के शेयर भी 28% तक नीचे आए हैं, 4252 रुपए से घटकर 3040 रुपए पर आ गए हैं।
टाटा समूह की अन्य कंपनियों जैसे वोल्टास, टाटा केमिकल्स और टाटा पावर के शेयरों में भी गिरावट देखी गई है, जिससे मार्केट कैपिटलाइज़ेशन को नुकसान हुआ है।
टाटा संस के बोर्ड में नामित निदेशकों की अधिकतम उम्र 75 साल तय करने वाली पॉलिसी अक्टूबर 2024 में लागू हुई। यह पॉलिसी रतन टाटा के निधन के बाद लाई गई थी। इसके तहत 77 वर्षीय पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को फिर से बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। इसके बाद सिंह ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया। मिस्त्री गुट ने मेहली मिस्त्री को बोर्ड में लाने की कोशिश की, लेकिन नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने इसका विरोध किया।
मिस्त्री गुट ने नोएल टाटा द्वारा प्रस्तावित तीन बोर्ड उम्मीदवारों को अस्वीकार कर दिया है। ये उम्मीदवार हैं: वकील बेहराम वकील, टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन और सीनियर बैंकिंग एक्सपर्ट उदय कोटक। टाटा संस बोर्ड में अभी छह सदस्य हैं, जबकि तीन पद खाली हैं।
शापूरजी पलोनजी (एसपी) समूह टाटा संस को हाई लेवल कोर निवेश कंपनी (CIC) के रूप में लिस्ट करने की मांग कर रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक की 30 सितंबर की डेडलाइन बीत चुकी है, लेकिन लिस्टिंग को लेकर अभी कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। एसपी समूह का कर्ज़ काफी बढ़ गया है और अपनी हिस्सेदारी बेचकर वित्तीय स्थिति सुधारना चाहता है।
एसपी समूह और टाटा ट्रस्ट के बीच समझौते की संभावना जताई जा रही है। टाटा ट्रस्ट्स टाटा संस में एसपी समूह की हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा खरीद सकते हैं, जिससे लिस्टिंग के बिना आवश्यक धन मिल सके। 10 अक्टूबर को टाटा ट्रस्ट्स की बोर्ड बैठक में इस मामले पर चर्चा हो सकती है।
टाटा समूह में चल रही आंतरिक दरार ने पूरे भारतीय उद्योग जगत को चिंतित कर दिया है। आरपीजी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हर्ष गोयनका ने ट्वीट किया कि टाटा ग्रुप भारत की कॉर्पोरेट आत्मा है, और इसका आंतरिक विवाद ‘ब्रांड इंडिया’ को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्रस्टियों से कहा है कि वे ‘टाटा के तरीके’ से काम करें, जिससे टाटा संस के संचालन पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। इसके अलावा, टाटा ट्रस्ट्स के कुछ ट्रस्टियों द्वारा चेयरमैन नोएल टाटा के अधिकारों को सीमित करने की कोशिशों को सरकार ने पसंद नहीं किया है।
टाटा ग्रुप के भीतर विवाद और संघर्ष की स्थिति, रतन टाटा के निधन के बाद समूह के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह जंग जल्दी सुलझनी चाहिए ताकि समूह और इसके लाखों शेयरधारकों के हित सुरक्षित रह सकें।
टाटा ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट और समूह के अंदर चल रहे विवाद ने उद्योग जगत में चिंता बढ़ा दी है। सरकार की पहल से उम्मीद है कि यह विवाद जल्द सुलझ जाएगा और टाटा ग्रुप अपनी मजबूत स्थिति वापस पाएगा।