Aniruddh Singh
9 Nov 2025
मुंबई। सोने के गहनों के बाद अब सरकार चांदी के गहनों पर भी हॉलमार्किंग लागू करने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, 1 सितंबर से इसे स्वैच्छिक तौर पर शुरू किया जाएगा। इसका मतलब है कि शुरुआती चरण में यह नियम वैकल्पिक होगा, लेकिन आगे चलकर इसे अनिवार्य भी किया जा सकता है। ठीक सोने की तरह, यह नियम 6 अलग-अलग ग्रेड की चांदी की ज्वैलरी पर लागू होगा। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस नई व्यवस्था में पुरानी हॉलमार्किंग प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद किया जा सकता है। चांदी के गहनों पर अब 6 अंकों वाला हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) नंबर लगाया जाएगा, जो हर आभूषण के लिए विशिष्ट होगा। यह नई हॉलमार्किंग प्रणाली चांदी के 900, 800, 835, 925, 970 और 990 ग्रेड पर लागू होगी। उल्लेखनीय है कि सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग 2021 में लागू की गई थी और अब यह देशभर में अनिवार्य है।
चांदी की हॉलमार्किंग के कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे गहनों की शुद्धता की गारंटी मिलेगी। हॉलमार्क इस बात का प्रमाण होता है कि गहने में इस्तेमाल की गई चांदी तय मानकों के अनुसार शुद्ध है। इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ता है और उन्हें यह आश्वासन मिलता है कि वे अपने पैसे के बदले सही गुणवत्ता का उत्पाद ले रहे हैं। विक्रेताओं के लिए भी यह फायदेमंद है, क्योंकि हॉलमार्किंग से उनके उत्पाद की विश्वसनीयता और बाजार में मांग बढ़ सकती है। जयजी ज्वैलर्स के पार्टनर रामानुज सोनी ने कहा कि ज्वैलरी इंडस्ट्री इस खबर को लेकर काफी सकारात्मक है। उनका मानना है कि सरकार को चांदी की हॉलमार्किंग का फैसला बहुत पहले ही लेना चाहिए था। इससे उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा और बाजार में पारदर्शिता आएगी।
हॉलमार्किंग के बाद गहनों की गुणवत्ता में और भी सुधार होगा और बिक्री पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सोने-चांदी की कीमतें जितनी बढ़ती हैं, उतनी ही इनकी खरीदारी भी बढ़ जाती है, इसलिए ग्राहकों को शुद्धता का भरोसा देना बेहद जरूरी है। कुल मिलाकर, सितंबर से शुरू होने वाली यह नई पहल चांदी के गहनों के बाजार में पारदर्शिता और उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करेगी। सोने की तरह, चांदी के गहनों में भी शुद्धता का प्रमाणपत्र मिलने से उपभोक्ता आत्मविश्वास के साथ खरीदारी कर सकेंगे और गहना उद्योग को भी गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।