Naresh Bhagoria
10 Nov 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता को बिजली बिल के बोझ से राहत देने की तैयारी में जुट गई है। अब राज्य में 100 यूनिट की बजाय 200 यूनिट तक ‘हाफ बिजली बिल योजना’ लागू करने की कवायद तेज हो गई है। ऊर्जा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद इसे दिसंबर से लागू किया जा सकता है। योजना से करीब 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा।
बिजली वितरण कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल 100 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को आधा बिल देना होता है। नई योजना लागू होने पर 200 यूनिट तक की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को भी आधा बिजली बिल देना होगा। इससे घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक खर्च में बड़ी राहत मिलेगी। उदाहरण के तौर पर 200 यूनिट पर अभी औसतन 800 से 1000 रुपये का बिल आता है, जो योजना लागू होने के बाद केवल 420 से 450 रुपये तक रह जाएगा।
योजना लागू होने के बाद सरकार पर सैकड़ों करोड़ रुपये का अतिरिक्त सब्सिडी भार बढ़ेगा। राज्य में फिलहाल करीब 45 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। इनमें 15 लाख बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली पहले से मिल रही है। अब 200 यूनिट तक योजना बढ़ने से गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी।
गौरतलब है कि एक अगस्त 2025 को भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की 400 यूनिट तक की हाफ बिजली योजना को घटाकर 100 यूनिट तक सीमित कर दिया था। इस निर्णय से लाखों उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ गया था। अब विपक्ष के बढ़ते दबाव और जनता की नाराजगी को देखते हुए सरकार ने योजना की सीमा फिर से बढ़ाने पर विचार किया है। माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव अगली मंत्रिमंडल बैठक में रखा जाएगा और दिसंबर से लागू हो सकता है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने सरकार के प्रस्ताव का स्वागत तो किया, लेकिन इसे 'अधूरा कदम' बताया। उन्होंने कहा- सरकार को 200 नहीं, बल्कि 400 यूनिट तक हाफ बिल योजना फिर से लागू करनी चाहिए। 100 यूनिट की सीमा से हर घर का बजट बिगड़ गया है और जनता दो से तीन गुना बिल भरने को मजबूर है।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर और बढ़ी दरों से जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि कोयले पर सेस घटने से बिजली उत्पादन सस्ता हुआ है, इसलिए सरकार को जनता को राहत देने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए।
ऊर्जा विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के संकेत पहले ही दे दिए थे। यदि मुख्यमंत्री सचिवालय से मंजूरी मिल जाती है, तो दिसंबर 2025 से नई व्यवस्था लागू हो सकती है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि बिजली बिलों को लेकर बढ़ती असंतोष की आवाज़ भी थमेगी।