Aakash Waghmare
21 Oct 2025
Priyanshi Soni
21 Oct 2025
तियानजिन। चीन के तियानजिन शहर में सोमवार (1 सितंबर) सुबह शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले दुनिया की तीन महाशक्तियों के नेता एक साथ नजर आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यह मुलाकात न केवल SCO के मंच पर बल्कि वैश्विक राजनीति में भी नए संकेत दे रही है। तीनों नेताओं की गर्मजोशी भरी बातचीत और एक साथ खड़े होने की तस्वीरों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं को तेज कर दिया है।
SCO समिट को संबोधित करने के लिए जाते हुए मोदी-जिनपिंग-पुतिन।
सुबह करीब 11 बजे सम्मेलन स्थल पर मोदी, पुतिन और जिनपिंग एक हल्के-फुल्के माहौल में बातचीत करते दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी बीच में खड़े थे और दोनों ओर पुतिन और जिनपिंग मौजूद रहे। तीनों नेताओं की मुस्कुराती और सकारात्मक भाव-भंगिमा ने यह संदेश दिया कि आपसी संवाद और साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
चीन : तियानजिन में SCO के मंच पर एक साथ दिखे PM मोदी-व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग, हाथ पकड़कर दिखाई एकजुटता#PeoplesUpdate #VladimirPutin #SCOSummit2025 #XiJinping @PMOIndia @narendramodi pic.twitter.com/nfrDIdXtku
— People's Update (@PeoplesUpdate) September 1, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें अपने एक्स अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा, “तियानजिन में बातचीत जारी है! राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।” एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि पुतिन से मिलना हमेशा खुशी और आनंददायक अनुभव होता है।
Always a delight to meet President Putin! pic.twitter.com/XtDSyWEmtw
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वैश्विक स्तर पर ‘धमकाने वाली नीतियों’ की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि SCO का मकसद सहयोग और विकास है, न कि टकराव। जिनपिंग ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने 2 बिलियन युआन (करीब 281 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की आर्थिक मदद SCO सदस्य देशों को देने की घोषणा की।
तियानजिन शिखर सम्मेलन भारत और चीन के बीच हालिया रिश्तों में आई नरमी को भी दिखाता है। सीमा विवाद, व्यापार घाटा और पारस्परिक भरोसे जैसे मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच रविवार को विस्तृत चर्चा हुई।
मोदी ने SCO बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर मुखर होकर बात की। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद भारत और चीन दोनों के लिए बड़ी चुनौती है और इस पर साझा रुख अपनाना जरूरी है। पाकिस्तान की मौजूदगी में भी भारत ने इस विषय पर समर्थन जुटाने की कोशिश की।
जिनपिंग ने कहा कि SCO सदस्य देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच रही है। चीन पहले ही इन देशों में 84 बिलियन डॉलर का निवेश कर चुका है। अब योजना है कि एक SCO विकास बैंक बनाया जाए और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक नया केंद्र स्थापित हो।
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