वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका में 1 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ सरकारी शटडाउन मंगलवार को 22वें दिन में पहुंच गया है। यह अमेरिकी इतिहास का दूसरा सबसे लंबा शटडाउन बन गया है। इससे पहले 2018 में 35 दिन और 1995 में 21 दिन तक सरकारी कामकाज ठप रहा था। इस बार की स्थिति पहले की तुलना में ज्यादा जटिल और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानी जा रही है।
क्यों लगा शटडाउन?
इस बार का गतिरोध फंडिंग बिल को लेकर है। सीनेट में अब तक 11 बार इस बिल पर वोटिंग हो चुकी है, लेकिन हर बार सरकार को जरूरी 60 वोट नहीं मिल पाए। 20 अक्टूबर को हुई ताजा वोटिंग में केवल 55 वोट ही मिले। मुख्य विवाद का मुद्दा है- ओबामा-युग की हेल्थकेयर सब्सिडी (Health Care Subsidy)।
- डेमोक्रेट्स चाहते हैं कि हेल्थकेयर सब्सिडी बढ़ाई जाए ताकि आम नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
- रिपब्लिकन्स, जिनका नेतृत्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं, का कहना है कि अतिरिक्त सब्सिडी से संघीय बजट पर भारी बोझ पड़ेगा और अन्य योजनाओं की फंडिंग प्रभावित होगी।
हेल्थकेयर प्रोग्राम पर टकराव
ओबामा के दौर की हेल्थकेयर सब्सिडी को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान इस शटडाउन की जड़ में है। डेमोक्रेट्स का कहना है कि स्वास्थ्य बीमा में दी जाने वाली सब्सिडी आम अमेरिकियों की जिंदगी बचा रही है, जबकि रिपब्लिकन्स इसे अत्यधिक सरकारी खर्च बता रहे हैं। दोनों के बीच इस पर कोई समझौता नहीं बन पा रहा है, जिसके चलते पूरा संघीय तंत्र ठप पड़ा है।
इस शटडाउन की 4 बड़ी खासियतें
- अहम की लड़ाई: इस बार का शटडाउन केवल बजट का नहीं, बल्कि राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई बन गया है। डेमोक्रेट्स ट्रंप के "फंड रोकने" के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं, वहीं ट्रंप इसे अपने सुधार एजेंडे का हिस्सा बता रहे हैं।
- रिपब्लिकन्स का अवसर: राष्ट्रपति ट्रंप इसे सरकारी नौकरियों और डेमोक्रेट्स समर्थित प्रोग्राम्स में कटौती का मौका मान रहे हैं। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की छंटनी के संकेत भी दिए हैं।
- विश्वास की कमी: पहले के शटडाउन बातचीत से खत्म हो जाते थे, लेकिन इस बार दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप लगाकर संवाद से दूर हैं।
- आर्थिक जोखिम: करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना सैलरी के हैं। अमेरिकी जीडीपी को हर हफ्ते 0.2% नुकसान हो रहा है।
ट्रंप का बयान- हम झुकेंगे नहीं
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे "डेमोक्रेट्स के अव्यवस्थित और खर्चीले एजेंडे" के सामने नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा, डेमोक्रेट्स सरकार को बंधक बनाकर अपने राजनीतिक फायदे की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप का दावा है कि इस शटडाउन से कुछ अच्छी चीजें भी होंगी, जैसे गैर-जरूरी खर्चों में कटौती और सरकार का आकार छोटा करना।
22 दिनों के शटडाउन का असर
कर्मचारियों पर सीधा असर:
- करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी बिना सैलरी के घर बैठे हैं।
- जरूरी सेवाएं जैसे सेना, पुलिस, बॉर्डर सिक्योरिटी और एयर ट्रैफिक कंट्रोल प्रभावित हैं।
- जरूरी कर्मियों को बिना सैलरी काम करना पड़ रहा है।
हवाई यात्रा और फूड प्रोग्राम पर असर:
- एयरपोर्ट्स पर उड़ानें देरी से चल रही हैं।
- लोअर इनकम वाले परिवारों को फूड असिस्टेंस (SNAP प्रोग्राम) न मिलने का खतरा है।
पर्यटन पर असर:
- स्मिथसोनियन म्यूजियम्स और अन्य नेशनल पार्क्स बंद हैं।
- ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि इन्हें आंशिक रूप से खोला जा सकता है।
परमाणु सुरक्षा पर भी खतरा:
- नेशनल न्यूक्लियर सिक्योरिटी एजेंसी (NNSA) ने 1,400 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा है।
- एनर्जी सेक्रेटरी क्रिस राइट ने कहा कि “यह स्थिति बेहद खतरनाक है, क्योंकि इससे परमाणु हथियारों की सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।”
क्या ट्रंप को फायदा या नुकसान?
शटडाउन के दौरान ट्रंप प्रशासन यह तय करता है कि कौन-सी सेवाएं 'जरूरी' हैं और कौन-सी 'गैर-जरूरी'। इससे ट्रंप के पास यह शक्ति है कि वे डेमोक्रेट समर्थित योजनाओं (शिक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य सब्सिडी) को रोक सकें और रक्षा व इमिग्रेशन को प्राथमिकता दे सकें। हालांकि, अगर शटडाउन लंबा चला, तो जनता में नाराजगी बढ़ सकती है, जिससे ट्रंप की राजनीतिक छवि को नुकसान हो सकता है।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर
- हर हफ्ते 0.2% जीडीपी का नुकसान।
- छोटे व्यवसायों के लोन अटके हुए हैं।
- फेडरल ठेकेदारों के भुगतान रुके हैं।
- निवेशकों में अनिश्चितता से वॉल स्ट्रीट पर दबाव।
अमेरिका में शटडाउन के चर्चित मामले
- 2013: कनाडा सीमा की देखभाल के लिए सिर्फ 1 कर्मचारी रह गया था।
- 2013: अमेरिका के सैनिकों के कब्रिस्तानों को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा था।
- 2018: वेतन न मिलने पर एयरपोर्ट कर्मचारियों ने काम छोड़ दिया, जिससे कई उड़ानें रद्द हो गईं।
- 2018: FBI डायरेक्टर ने चेताया था कि 'एजेंसी के पास पैसे खत्म हो गए हैं।'
अमेरिका का आर्थिक साल और शटडाउन का नियम
अमेरिका में हर साल 1 अक्टूबर से नया वित्तीय वर्ष (Fiscal Year) शुरू होता है। अगर इस तारीख तक बजट पास नहीं होता, तो सरकार को कानूनी रूप से खर्च करने का अधिकार नहीं रहता- यही स्थिति सरकारी शटडाउन कहलाती है।