Shivani Gupta
11 Dec 2025
Naresh Bhagoria
11 Dec 2025
Naresh Bhagoria
11 Dec 2025
श्रीनगर। अगले महीने नवंबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव होने है जो कई मायनों में अहम है। दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर की सियासत अब एक नए मोड़ में पहुंच गयी है। दरअसल इसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच गतिरोध या तो बढ़ सकता है या फिर सभी आशंकाओं पर पूर्ण विराम लग सकता है। इसके मद्देनजर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने विधायकों की संयुक्त बैठक से पहले बुधवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस से संबंधों पर चर्चा के साथ ही सरकार के कामकाज को लेकर भी बातचीत की जा सकती है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक सीनियर नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मीटिंग हो रही है, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले या उसके बाद किसी विवादास्पद मुद्दे पर बयान देने की संभावना कम ही रहेगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी को उम्मीद है कि सत्र और मतदान से पहले सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। वहीं ऐसा नहीं होने पर राज्य की गठबंधन सरकार के सामने बड़ी चुनौती आ सकती है। जिससे वर्तमान सियासी समीकरण बिगड़ सकता है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच राज्यसभा की चार सीटों और विधानसभा उपचुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर तनाव बना है। कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस पर 'सुरक्षित सीट' न देने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कर्रा ने 12 अक्टूबर को कोर कमेटी की बैठक के बाद कहा था कि कांग्रेस आलाकमान ने दो अलग-अलग अधिसूचना वाली सीटों में से एक मांगी थी, लेकिन कॉन्फ्रेंस ने सामान्य अधिसूचना वाली सीट ऑफर की, हालांकि इसे सुरक्षित नहीं माना गया। इसलिए हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, एनसी ने अपनी तीन सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि चौथी सीट पर गठबंधन के उम्मीदवार को जीत के लिए सभी एंटी-बीजेपी वोटों की जरूरत है।
वहीं अब कांग्रेस के इनकार से बीजेपी को दो राज्यसभा सीटें आसानी से मिल सकती हैं, जिससे नेशनल कॉन्फ्रेंस में बैचेनी है। जिसके लिए नेशनल कांफ्रेंस राज्यसभा सीटें बचाने के आखिरी जुगत में कांग्रेस को वापस लाने की कोशिश कर रही है।