Aniruddh Singh
7 Oct 2025
मुंबई। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में दो दिनों के भीतर 10% की गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को ये दोनों कंपनियां अपने लोअर सर्किट पर पहुंच गईं, जिसमें रिलायंस पावर के शेयर 5% गिरकर 56.72 रुपए और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर 5% गिरकर 342.05 रुपए पर बंद हुए।
इस गिरावट का मुख्य कारण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े 40 से 50 ठिकानों पर की गई छापेमारी है, जो कि यस बैंक द्वारा 2017 से 2019 के बीच दिए गए 3,000 करोड़ रुपए के ऋण से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच का हिस्सा है। ईडी की जांच में सामने आया है कि यस बैंक द्वारा दिए गए ऋणों को शेल कंपनियों और अन्य ग्रुप कंपनियों में डायवर्ट किया गया।
इसके साथ ही ईडी को ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो दिखाते हैं कि क्रेडिट अप्रूवल की प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई थी। इनमें बैकडेटेड दस्तावेज, अप्रूवल से पहले ही ऋण की राशि का वितरण और उचित जांच के अभाव जैसी गंभीर अनियमितताएँ शामिल हैं। एजेंसी ने यह भी संदेह जताया है कि यस बैंक के अधिकारियों, यहां तक कि इसके प्रमोटर तक की भूमिका इसमें संदिग्ध हो सकती है और रिश्वतखोरी के संकेत मिले हैं।
यह छापेमारी पीएमएलए की धारा 17 के तहत की गई, जो मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम है। यह कार्रवाई दो एफआईआरों के आधार पर की गई है जो कि सीबीआई ने दर्ज की हैं। इसमें सेबी, नेशनल हाउसिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और एनएफआरए द्वारा दी गई जानकारी शामिल है।
सेबी ने अलग से रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें कंपनी का कॉर्पोरेट लोन बुक एक साल के भीतर दोगुना हो गया, जिससे आंतरिक नियंत्रण में विफलता और नियामकीय उल्लंघनों की आशंका जताई गई है। इस पूरी जांच और छापेमारी का सीधा असर रिलायंस ग्रुप की कंपनियों के निवेशकों की भावनाओं पर पड़ा है। निवेशकों में डर और असमंजस का माहौल है, जिससे बाजार में इन कंपनियों के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली है।
हालांकि रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को अलग-अलग स्पष्टीकरण देकर यह साफ किया है कि उनके कारोबार या वित्तीय स्थिति पर इस जांच का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) या रिलायंस होम फाइनेंस (आरएचएफएल) से जुड़ा है, जो कि 10 साल पुराना है और इन कंपनियों से उनका कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है।
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि अनिल अंबानी इन कंपनियों के निदेशक मंडल में नहीं हैं, और आरकॉम या आरएचएफएल पर यदि कोई कार्रवाई होती भी है तो उसका उनके संचालन, प्रबंधन या गवर्नेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कंपनियों ने यह भी कहा कि ईडी की कार्रवाई से उनके शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक को कोई असर नहीं होगा और उनके व्यवसाय सामान्य रूप से चलते रहेंगे। इसके बावजूद, बाजार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है और निवेशक फिलहाल सतर्क बने हुए हैं।