Shivani Gupta
8 Oct 2025
Aakash Waghmare
8 Oct 2025
Shivani Gupta
8 Oct 2025
Aakash Waghmare
8 Oct 2025
नई दिल्ली। 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के सामने आए हालिया आतंकवादी खतरे, उससे निपटने के सैन्य जवाब और विकास की बड़ी उपलब्धियों का उल्लेख किया। अपने संदेश में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की जानकारी दी और कश्मीर घाटी में रेल सेवा शुरू होने को मील का पत्थर करार दिया। साथ ही उन्होंने लोकतंत्र, संविधान, विभाजन की पीड़ा और देश के मूल्यों पर विस्तार से विचार रखे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस वर्ष देश को आतंकवाद का दर्द झेलना पड़ा। पहलगाम हमला कायराना और अमानवीय था, जिसका भारत ने मजबूती से जवाब दिया। सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सीमा पार आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया। राष्ट्रपति के अनुसार, यह आत्मनिर्भर भारत मिशन की परीक्षा का भी अवसर था, जिसमें देश ने अपनी क्षमता और संकल्प दोनों का परिचय दिया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कश्मीर घाटी में रेल सेवा शुरू होने को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 55 करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिल चुका है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने जोर देकर कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है और हमारे लिए संविधान सर्वोपरि है। उन्होंने याद दिलाया कि आजादी के बाद देश ने सभी वयस्कों को मतदान का अधिकार देकर अपनी नियति स्वयं तय करने का अधिकार पाया। उन्होंने कहा कि अनेक देशों में जेंडर, धर्म और अन्य आधारों पर मताधिकार सीमित था, लेकिन भारत ने बिना भेदभाव के लोकतंत्र को अपनाया।
राष्ट्रपति ने 15 अगस्त को सामूहिक स्मृति में गहराई से अंकित दिन बताया। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शासन के दौरान पीढ़ियों ने स्वतंत्रता का सपना देखा और बलिदान के बल पर 78 वर्ष पहले यह स्वप्न साकार हुआ।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने विभाजन की विभीषिका को न भूलने की बात कही। उन्होंने कहा कि विभाजन के दौरान भयावह हिंसा हुई और लाखों लोग विस्थापित हुए। इस अवसर पर उन्होंने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्रपति ने संविधान में निहित चार मूल्यों न्याय, आजादी, समता और बंधुता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन मूल्यों के केंद्र में व्यक्ति की गरिमा की अवधारणा है और यही लोकतंत्र को मजबूती देते हैं।