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गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले में सक्रिय तीन नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस ने इसे नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम बताया है।
बता दें कि, आत्मसमर्पण करने वालों में एक पुरुष और दो महिला नक्सली शामिल हैं। पुरुष नक्सली का नाम नागेश है, जिसने एक देशी हथियार के साथ सरेंडर किया। दो महिला नक्सलियों के नाम जैनी और मनीला हैं। ये तीनों नक्सली गरियाबंद-धमतरी-नुआपाड़ा डिवीजन में पिछले 5 से 8 सालों से सक्रिय थे। वे कई बड़ी माओवादी घटनाओं में शामिल थे और बड़े नक्सली नेताओं के करीबी सहयोगी के तौर पर काम करते थे।
इन नक्सलियों ने सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। प्रशासन के अनुसार, यह नीति क्षेत्र में नक्सलवाद को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस अभियान के तहत अब तक इस इलाके में कुल 30 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
वहीं, गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने बताया कि यह आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक अहम उपलब्धि है और इससे क्षेत्र में शांति स्थापना को नई दिशा मिलेगी
गौरतलब है कि दो दिन पहले छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर में नक्सलियों को अंतिम चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि नक्सलियों को 31 मार्च 2026 तक हथियार डालने होंगे। ऐसा नहीं होता तो शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल करारा जवाब देंगे। शाह ने कहा था कि दिल्ली में कुछ लोग सालों से यह गलत सूचना फैलाते रहे हैं कि नक्सलवाद का जन्म विकास की लड़ाई के लिए हुआ था।