Naresh Bhagoria
26 Nov 2025
Aakash Waghmare
26 Nov 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 22 जुलाई 2025 को सरकार ने “लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) संशोधन आदेश, 2025” को नोटिफाई किया है। इस आदेश के तहत ऐसे राशन कार्ड जिनसे बीते 6 महीने से राशन नहीं उठाया गया है, उन्हें डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा।
इसके बाद ऐसे कार्ड धारकों की पात्रता घर-घर जाकर जांच और e-KYC (आधार से बायोमेट्रिक सत्यापन) के जरिए दोबारा तय की जाएगी। यह नियम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों पर भी लागू होगा।
देश में वर्तमान में लगभग 23 करोड़ सक्रिय राशन कार्ड हैं। लेकिन सरकार को अंदेशा है कि इनमें से 7% से 18% कार्ड फर्जी या डुप्लिकेट हो सकते हैं। यानी करीब 25 लाख से ज्यादा कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। हालांकि, वास्तविक संख्या जांच के बाद ही सामने आएगी। राज्यों को आदेश दिया गया है कि वे इस नियम का सख्ती से पालन करें और अपात्र लाभार्थियों की पहचान करें।
बिहार में इस नए आदेश से नया विवाद खड़ा हो सकता है। राज्य में अकेले 8.71 करोड़ राशन कार्ड हैं और यहां पहले से ही मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर विवाद चल रहा है। कई सांसदों ने इस नियम की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं और आशंका जताई है कि विपक्ष इसे लोगों के राशन कार्ड रद्द करने के तौर पर प्रचारित कर सकता है।
ऑफलाइन तरीका:
ऑनलाइन तरीका:
सरकार का कहना है कि यह कदम फर्जी राशन कार्ड और अपात्र लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर करने के लिए जरूरी है। कई बार देखा गया है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी राशन कार्ड से लाभ उठाया जा रहा है। जिन्हें सरकारी अनाज की जरूरत नहीं, वे भी योजनाओं का फायदा ले रहे हैं। कुछ लोगों ने सिर्फ आयुष्मान भारत कार्ड या EWS कोटे का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड बनवा लिया। है।
सरकार ने इसके लिए डेडलाइन तय की है और राज्यों को आदेश दिया है कि वे अंतिम तारीख के बाद बिना KYC वाले कार्ड को सस्पेंड करें। यह प्रक्रिया थोड़ी सी ज़रूर है, लेकिन इसके बिना मुफ्त गेहूं-चावल मिलना बंद हो सकता है। सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान, EWS एडमिशन, गैस योजना आदि से वंचित रह सकते हैं। इसलिए समय रहते e-KYC कराएं और अपने राशन कार्ड को सक्रिय बनाए रखें।