Naresh Bhagoria
26 Nov 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस के अत्याधुनिक इनफिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कंपनी के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट Vikram-I का भी अनावरण किया। इस रॉकेट की ऊंचाई लगभग 7 मंजिल की इमारत के बराबर है और यह 300 किग्रा तक के उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है।
स्काईरूट का इनफिनिटी कैंपस हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है और कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं है। इस परिसर में लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम होगा। पीएम मोदी ने कहा कि, यह कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि, भारत का प्राइवेट स्पेस सेक्टर दुनिया में अलग पहचान बना रहा है। यह कार्यक्रम इस बात का प्रतिबिंब है कि, आने वाले समय में भारत रॉकेट ग्लोबल सेक्टर में लीडर बनकर उभरेगा।
भारत स्पेस इकोसिस्टम में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी: पीएम मोदी ने कहा कि स्काईरूट का इनफिनिटी कैंपस भारत के नवाचार और जोखिम लेने की क्षमता को दर्शाता है।
फाउंडर्स पर भरोसा और रिस्क टेकिंग: उन्होंने स्काईरूट के फाउंडर्स पवन चंदना और भरत ढाका की तारीफ की, जिन्होंने सीमित संसाधनों के साथ बड़ा लक्ष्य हासिल किया।
स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक रिफॉर्म: सरकार ने प्राइवेट इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नई स्पेस पॉलिसी बनाई और स्टार्टअप्स को अवसर प्रदान किए।
युवा शक्ति की भागीदारी: भारत के GenZ युवा आज नई तकनीक, डिजाइन और कोडिंग में काम कर रहे हैं, जिससे देश का प्राइवेट स्पेस सेक्टर दुनिया में पहचान बना रहा है।
स्पेस सेक्टर में रणनीतिक महत्व: नई कंपनियां सैटेलाइट सेवाएं प्रदान कर रही हैं और भारत का स्पेस सेक्टर अब अट्रैक्टिव डेस्टिनेशन बन चुका है।
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रॉकेट |
देश |
कंपनी |
खासियत |
ऊंचाई |
पेलोड क्षमता |
बॉडी/स्ट्रक्चर |
री-यूज |
अनुमानित लागत |
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Vikram-I |
भारत |
Skyroot Aerospace |
स्मॉल-लिफ्ट ऑर्बिटल लॉन्चर |
26 मीटर |
300-315 किग्रा |
कार्बन कंपोजिट |
नहीं |
₹30-40 करोड़ |
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Electron |
न्यूजीलैंड/अमेरिका |
Rocket Lab |
स्मॉल-लिफ्ट लॉन्चर |
18 मीटर |
300 किग्रा |
कार्बन |
आंशिक |
₹62 करोड़ |
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Falcon-9 |
अमेरिका |
SpaceX |
हेवी लिफ्ट रीयूजेबल लॉन्चर |
70 मीटर |
22,800 किग्रा |
एल्यूमिनियम-लिथियम |
हां |
₹600 करोड़ |
2018: कंपनी की स्थापना, हैदराबाद में ऑफिस।
2020: प्राइवेट रॉकेट इंजन Raman-1 का पहला टेस्ट फायर।
2021: भारत का पहला प्राइवेट क्रायोजेनिक इंजन Dhawan-1 टेस्ट।
2022: सब-ऑर्बिटल रॉकेट Vikram-S लॉन्च।
2024: सबसे बड़े प्राइवेट रॉकेट स्टेज Kalam-250 का स्टैटिक फायर।
2025: भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट Vikram-I तैयार।