Aakash Waghmare
26 Nov 2025
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को दुर्लभ पृथ्वी (रेयर अर्थ) स्थायी चुंबकों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 7,280 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज वाली एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दे दी। ‘सिन्टर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स के निर्माण को बढ़ावा देने की योजना’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में हरी झंडी मिली।
रेयर अर्थ स्थायी चुंबक इलेक्ट्रिक वाहनों, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल उपकरणों और रक्षा क्षेत्र जैसे उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाते हैं। योजना के तहत 6,000 MTPA क्षमता को वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से चुनी गई 5 कंपनियों को आवंटित किया जाएगा। प्रत्येक कंपनी को अधिकतम 1,200 MTPA तक की क्षमता दी जा सकेगी।
कैबिनेट ने पुणे मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को भी स्वीकृति दे दी है। इस फेज में लाइन-4 (खराड़ी–हडपसर–स्वारगेट–खड़कवासला) और लाइन-4A (नाल स्टॉप–वारजे–माणिक बाग) का निर्माण शामिल है। लगभग 31.6 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में कुल 28 ऊंचे स्टेशन बनाए जाएंगे। करीब 9,857.85 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 5 वर्षों में पूरी होगी और केंद्र, राज्य और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित की जाएगी।
अनुमान है कि इन नई लाइनों के बनने के बाद दैनिक यात्री संख्या 2028 के 4.09 लाख से बढ़कर 2058 तक 11.7 लाख से अधिक हो जाएगी। महा-मेट्रो इस पूरी परियोजना को लागू करेगी और निर्माण से लेकर सिस्टम इंटीग्रेशन तक सभी कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगी। फेज-2 की मंजूरी के बाद पुणे मेट्रो नेटवर्क 100 किलोमीटर से आगे बढ़ जाएगा, जिससे शहर में तेज़, आधुनिक और टिकाऊ परिवहन सुविधाओं का विस्तार होगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि बदलापुर से करजत के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन को मंजूरी मिलने से मुंबई–पुणे रूट की क्षमता में बड़ा सुधार होगा। दिवा–बदलापुर खंड में चार-लाइन परियोजना अधिकांशतः पूरी हो चुकी है और नई लाइनों के जुड़ने से मुंबई को पुणे होते हुए वाडी, गुंटकल और आगे हैदराबाद, बेंगलुरु तथा चेन्नई से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रेल कॉरिडोर और मजबूत होगा।