Hemant Nagle
27 Nov 2025
इंदौर। इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज की करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की भूमि को लेकर शहर में भारी खलबली मची है। कॉलेज की बहुमूल्य जमीन के संदिग्ध सौदे और गहरे स्तर पर फैली ब्रोकरेज की परतें अब धीरे-धीरे खुलने लगी हैं। आरोप सीधे कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अमित डेविड पर लग रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर प्रॉपर्टी ब्रोकरों के माध्यम से कस्बा सर्वे नंबर 407/1669/3 की कुल 68.303 हेक्टेयर में से 1.702 हेक्टेयर भूमि का सौदा मुंबई के एक बड़े बिल्डर समूह के साथ कराया। सबसे चौंकाने वाली बात ,यह है कि डील स्वर्गीय गायक किशोर कुमार की पत्नी लीना चंदावरकर के माध्यम से करवाए जाने का दावा सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि इस सौदे में लीना चंदावरकर को लगभग 1.25 करोड़ रुपये ब्रोकरेज के तौर पर दिए गए हैं और पूरे सौदे को अंतिम रूप दिलाने में उनका कथित तौर पर विशेष योगदान रहा।
फ़र्ज़ी संस्था के नाम पर ‘प्री-लॉन्चिंग’ की तैयारी!
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि 29 नवम्बर को क्रिश्चियन कॉलेज परिसर में एक फ़र्ज़ी संस्था के नाम पर पहली बार किशोर कुमार की पुण्यतिथि मनाने के बहाने कथित कमर्शियल प्री-लॉन्चिंग की योजना बनाई गई है। इस कार्यक्रम में लीना चंदावरकर की उपस्थिति भी प्रस्तावित बताई जा रही है, जबकि दूसरी तरफ माननीय हाईकोर्ट पहले ही डॉ. अमित डेविड की याचिका खारिज कर चुका है। इसके बावजूद कॉलेज परिसर में संदिग्ध गतिविधियाँ बदस्तूर जारी हैं, जो पूरे प्रकरण को और अधिक संदिग्ध बनाती हैं।
मुंबई तक जुड़े तार, बढ़ रही आशंकाएँ
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि यह पूरा अवैध भूमि सौदा इंदौर से लेकर सीधे मुंबई तक जुड़ा दिखाई देता है। बिल्डर लॉबी, स्थानीय बिचौलियों और लीना चंदावरकर के कथित हस्तक्षेप ने मामले को और भी पेचीदा—साथ ही बेहद गंभीर—बना दिया है। सवाल यह उठता है कि एक शैक्षणिक संस्थान की संपत्ति को इस तरह चुपचाप सौंपने की कोशिश आखिर किसके संरक्षण में हो रही थी?
प्रशासन से माँग—29 नवम्बर को ही दर्ज हो बयान
जनचर्चाओं के बाद अब मांग उठ रही है कि 29 नवम्बर को इंदौर आने वाली लीना चंदावरकर को नोटिस देकर इस सौदे से संबंधित उनका बयान लिया जाए। साथ ही प्राचार्य, शामिल ब्रोकरों और बिल्डर समूहों पर त्वरित और गहन जांच की आवश्यकता है, ताकि संस्थानिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
जनहित से जुड़ा संवेदनशील मामला
क्रिश्चियन कॉलेज की भूमि, शहर की शिक्षा विरासत और जनहित से जुड़ी संपत्ति मानी जाती है। ऐसे में इस प्रकार का कथित सौदा न केवल संस्थान के लिए खतरा है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही पर भी बड़े सवाल खड़े करता है।आवश्यक है कि प्रशासन तत्काल कार्रवाई करते हुए इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और कठोर जांच सुनिश्चित करे।