Manisha Dhanwani
27 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका में बुधवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब व्हाइट हाउस से सिर्फ दो ब्लॉक दूर एक अफगान नागरिक ने नेशनल गार्ड्स के दो सदस्यों पर घात लगाकर गोलीबारी कर दी। हमले में दोनों जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मौके पर मौजूद एक तीसरे गार्ड ने संदिग्ध को मौके पर ही काबू कर लिया। घटना के बाद अमेरिकी प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर कई बड़े कदम उठाए हैं।
फायरिंग फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 2:15 PM पर हुई। जांच के अनुसार, संदिग्ध रहमानुल्लाह लाकनवाल (29) कुछ देर तक स्टेशन के पास इंतजार करता रहा और फिर अचानक नेशनल गार्ड्स पर फायरिंग कर दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने पहले एक महिला गार्ड को सीने में गोली मारी। इसके बाद उसी गार्ड को सिर में भी गोली मारी। फिर उसने दूसरे गार्ड पर फायरिंग की। उसी समय पास मौजूद तीसरे गार्ड ने दौड़कर लाकनवाल को काबू कर लिया। गिरफ्तार होने से पहले हमलावर को चार गोलियां लगीं और उसे लगभग बिना कपड़ों की हालत में एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया।
FBI के अनुसार, संदिग्ध रहमानुल्लाह लाकनवाल अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था। उसने ऑपरेशन एलाइज वेलकम के तहत प्रवेश किया। यह वही कार्यक्रम है, जिसके जरिए हजारों अफगान नागरिकों को अमेरिका में शरण दी गई।
जरूरी बातें-
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे “पूरे राष्ट्र और मानवता के खिलाफ अपराध” बताया। ट्रंप ने कहा कि, पेंटागन को 500 अतिरिक्त नेशनल गार्ड वॉशिंगटन डीसी में भेजने का आदेश दिया। संदिग्ध को जानवर बताते हुए कहा कि, वह इसकी बहुत भारी कीमत चुकाएगा। बाइडेन प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि, संदिग्ध बाइडेन के समय अमेरिका लाया गया था। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि, हमें अपनी नेशनल गार्ड पर गर्व है। पूरी टीम उनके साथ खड़ी है।
NBC और वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, FBI इस घटना की जांच एक संभावित आतंकी हमले के रूप में कर रही है। FBI, मेट्रोपॉलिटन पुलिस, सीक्रेट सर्विस और मेट्रो ट्रांजिट पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि, हमलावर का किसी आतंकी संगठन से संबंध था या नहीं।
हमले के बाद अमेरिका ने बड़ा फैसला लेते हुए अफगान नागरिकों से जुड़े सभी इमिग्रेशन आवेदन अनिश्चितकाल के लिए रोक दिए हैं। USCIS के बयान के अनुसार, सभी अफगान शरणार्थी और इमिग्रेशन रिक्वेस्ट तुरंत सस्पेंड हो गए हैं। सुरक्षा जांच और वेटिंग सिस्टम की दोबारा समीक्षा की जाएगी, समीक्षा पूरी होने तक प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। अमेरिकी जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह कदम अमेरिका में मौजूद अफगान नागरिकों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती बीते कई महीनों से विवाद का विषय बनी हुई है। अगस्त में ट्रंप प्रशासन ने अपराध बढ़ने का हवाला देकर 8 राज्यों से नेशनल गार्ड बुलाए। आदेश एक महीने बाद खत्म, लेकिन जवान तैनात रहे। पिछले हफ्ते एक संघीय जज ने तैनाती खत्म करने का आदेश दिया। अपील की वजह से आदेश 21 दिनों के लिए रोक दिया गया। इसी बीच यह बड़ा हमला हुआ।
कुछ महीने पहले भी अमेरिका में सैन्य प्रतिष्ठान निशाना बना था। जॉर्जिया के फोर्ट स्टीवर्ट मिलिट्री बेस पर गोलीबारी हुई थी। जिसमें 5 सैनिक घायल हुए थे और हमलावर भी सैनिक ही था। तीन स्कूलों में लॉकडाउन लगाया गया। इन हमलों ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा को लेकर फिर चिंता बढ़ा दी है।