Priyanshi Soni
5 Nov 2025
लंदन। भारत और यूके के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर आज पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर हस्ताक्षर करेंगे। समझौते से दोनों देशों के बीच होने वाला सालाना द्विपक्षीय व्यापार 34 अरब यूएस डॉलर (लगभग 25.5 अरब पाउंड) तक बढ़ जाएगा। यह समझौता ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौता माना जा रहा है।
इसके बाद दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात पर लगने वाला टैरिफ 15 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत हो जाएगा। इससे दोनों देशों के उपभोक्ताओं और व्यवसायों को फायदा होगा।
इस समझौते से भारतीय उपभोक्ताओं को ब्रिटेन के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों जैसे सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, कारें और चिकित्सा उपकरणों तक सुलभ और सस्ते दामों पर पहुंच मिलेगी। दूसरी ओर भारतीय निर्यातकों को भी ब्रिटिश बाजार में प्रवेश सरल और कम लागत वाला हो जाएगा, जिससे भारत से ब्रिटेन को होने वाले निर्यात में बढ़ोतरी होगी। इस समय ब्रिटेन भारत से लगभग 11 अरब पाउंड के उत्पादों का आयात करता है, लेकिन यह समझौता भारतीय व्यवसायों के लिए बड़े अवसर खोलेगा।
यह समझौता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहने वाला है। मोदी और स्टारमर मिलकर यूके-इंडिया विजन 2035 भी लॉन्च करेंगे, जो शिक्षा, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, नवाचार और रणनीतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक रोडमैप होगा। इसमें एक नया डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप भी शामिल है, जिससे दोनों देशों के रक्षा क्षेत्र में संयुक्त विकास और तकनीकी सहयोग को मजबूती मिलेगी। साथ ही, यह योजना सीमाओं की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन से निपटने और शैक्षणिक जुड़ावों को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित होगी।
ब्रिटिश सरकार ने इस समझौते को भारत के साथ उसका अब तक का सबसे व्यापक और आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौता बताया है। यह न केवल व्यापार को गति देगा बल्कि नए रोजगार सृजन और व्यवसायों को नई संभावनाएं प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री स्टारमर ने इसे ब्रिटेन के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया और कहा कि यह उनके “प्लान फॉर चेंज” की दिशा में एक ठोस कदम है।
भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भारतीय किसानों को व्यापक लाभ मिलने की संभावना है। इस समझौते के औपचारिक रूप से लागू होने के बाद भारतीय कृषि उत्पादों को ब्रिटेन के प्रीमियम बाजारों में सीधी और शुल्क-मुक्त (ड्यूटी-फ्री) पहुंच प्राप्त होगी। इसका अर्थ है कि जिन उत्पादों पर पहले भारी सीमा शुल्क लगता था, अब वे बिना किसी कर के ब्रिटेन में बेचे जा सकेंगे, जिससे किसानों और निर्यातकों को अधिक मुनाफा और बड़ा बाजार मिलेगा।
ब्रिटेन में भारतीय उत्पादों को अब जर्मनी और नीदरलैंड जैसे यूरोपीय देशों के उत्पादों के बराबर या उससे बेहतर लाभ मिलने की संभावना है। इसका मतलब है कि भारतीय कृषि उत्पाद अब यूरोपीय प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में ब्रिटेन के बाजारों में अपनी जगह बना सकेंगे। जिन प्रमुख कृषि उत्पादों को इस समझौते से लाभ होगा, उनमें हल्दी, काली मिर्च, इलायची जैसे मसाले, आम पल्प, अचार, दालें और अन्य प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद शामिल हैं। ये सभी अब ब्रिटेन में ड्यूटी-फ्री बेचे जा सकेंगे, जिससे उनकी लागत घटेगी और लाभप्रदता बढ़ेगी। इस समझौते से भारत से ब्रिटेन को होने वाला कृषि निर्यात अगले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ने की उम्मीद है।