नई दिल्ली। संसद की नई बिल्डिंग पर पहली बार रविवार को तिरंगा फहराया गया। 18 सितंबर से शुरू होने वाले विशेष सत्र से एक दिन पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन के गजद्वार पर ध्वजारोहण किया। इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। ध्वजारोहण करने से पहले सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप ने धनखड़ और बिड़ला को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
गणेश चतुर्थी से नए भवन में होगी संसद की कार्यवाही
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के पांच दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विशेष सत्र पुरानी संसद से शुरू होगा और बाद में इसे नए संसद भवन में शिफ्ट किया जाएगा। पहला दिन यानी 18 सितंबर पुराने संसद भवन में कामकाज का आखिरी दिन होगा। वहीं गणेश चतुर्थी के दिन यानी 19 सितंबर को संसद की नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। विशेष सत्र के बाकी के 4 दिन के कामकाज नई इमारत में होंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे हुए नाराज
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने राज्यसभा महासचिव को पहले ही चिठ्ठी लिखकर कह दिया था कि वो ध्वजारोहण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि, उन्हें काफी देर से निमंत्रण मिला। उन्होंने राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि, खड़गे जी को 15 सितंबर को दोपहर 12 बजे न्योता भेजा गया है। सरकार को पहले से पता था कि हमारी कांग्रेस कार्यसमिति की पहले से तय बैठक 16-17 सितंबर को हैदराबाद में होने जा रही है।
28 मई को पीएम ने किया था उद्घाटन
PM मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। PM ने सेंगोल को सदन में स्पीकर की कुर्सी के बगल में स्थापित किया था। नए संसद भवन में कामकाज शुरू होने के बाद पुरानी इमारत को ‘म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी’ में बदल दिया जाएगा। नया संसद भवन पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के तहत बनाया गया है। इस बिल्डिंग को 29 महीने में तैयार किया गया है। इसमें 973 करोड़ रुपए की लागत लगी है। इनॉगरेशन प्रोग्राम के दूसरे सेशन में PM ने 75 रुपए का सिक्का जारी किया था।
कैसा है देश का नया संसद भवन?
नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है, यह एक चार मंजिला बिल्डिंग है। पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। हालांकि, कोरोना की वजह से नए संसद भवन के बनने में देरी हो गई। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, नए लोकसभा में 888 सासंदों के बैठने की क्षमता है। वहीं राज्यसभा में 348 सांसदों के बैठने की क्षमता है। लोकसभा को मोर का आकार दिया गया है, जबकि राज्यसभा को कमल फूल की थीम पर तैयार किया गया है। 95 साल पहले 1927 में मौजूदा संसद भवन को बनाया गया था। सरकार ने मार्च 2020 में संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है।
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