Aditi Rawat
31 Oct 2025
नई दिल्ली। सोनम वांगचुक को TIME मैगजीन ने 'द 100 मोस्ट इंफ्लुएंशियल क्लाइमेट लीडर्स ऑफ 2025' की लिस्ट में शामिल किया है। मैगजीन ने लिखा- वांगचुक एक इंजीनियर, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। पिछले महीने उन्हें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार किया गया था। वो पिछले एक दशक से प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा, कृत्रिम ग्लेशियर बनाने में नई वैज्ञानिक तकनीकों को शामिल करने के लिए काम कर रहे हैं।
इस मौके पर वांगचुक की पत्नी ने X पर लिखा- टाइम मैगजीन उन्हें दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल कर रही है। हमारी सरकार उन्हें एंटी-नेशनल करार दे रही है। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि उनसे (सोनम वांगचुक) देश की सुरक्षा को खतरा है।
10 सितंबर को लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची आदि मांगों को लेकर वांगचुक और उनके समर्थक भूख हड़ताल पर बैठे थे। 24 सितंबर को लेह में बंद का आह्वान भी किया गया। वांगचुक फिलहाल NSA यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून समेत अन्य धाराओं में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
वहीं इससे पहले कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के लोगों ने भी इस बंद को समर्थन दिया और ये ऐलान किया कि पूरे लद्दाख में बंद रखा जाएगा। इसके बाद लेह में ये बंद अधिक हिंसक हो गया। इस हिंसा में कम से कम 60 लोग घायल हुए थे। देर रात एक बयान में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हिंसा के लिए सोनम वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया। मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक ने ‘अरब स्प्रिंग’ और ‘Gen Z’ आंदोलनों का हवाला देकर भीड़ को उकसाया। फिर हिंसा के बाद वांगचुक ने बयान जारी किया और अपना 15 दिन का उपवास तोड़ते हुए युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की थी।
सोनम वांगचुक का जन्म 1966 में लेह जिले के अल्ची के पास, लद्दाख में हुआ था। उनके गांव में स्कूल न होने के कारण 9 साल की उम्र तक उनका किसी स्कूल में दाखिला नहीं हुआ। इस दौरान उनकी मां ने उन्हें बुनियादी शिक्षा दी। 9 साल की उम्र में उन्हें श्रीनगर ले जाया गया और वहां एक स्कूल में दाखिला दिलाया गया। बाद में दिल्ली के विशेष केंद्रीय स्कूल में भी उन्होंने पढ़ाई की। फिर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी NIT, श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में BTech किया।