Aniruddh Singh
23 Oct 2025
मुंबई। मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में साफ कर दिया कि अब उनका अगला बड़ा दांव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर रहने वाला है। जैसे वे एक दशक पहले भारत में डेटा और कनेक्टिविटी क्रांति के अगुवा बने थे, उसी तरह अब उन्होंने एआई को आम भारतीय तक पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने एआई की तुलना हिंदू पौराणिक कथाओं की कामधेनु गाय से की, जिसे हर इच्छा पूरी करने वाली मानी जाती है। मुकेश अंबानी ने एजीएम को संबोधित करते हुए कहा कि एआई की चमत्कारी शक्ति आज के युग की कामधेनु है, क्योंकि यह इंसान की क्षमता, उत्पादकता और दक्षता को अकल्पनीय स्तर तक ले जा सकती है। इस मौके पर उन्होंने रिलायंस इंटेलिजेंस नाम से एक नई कंपनी के गठन की भी घोषणा की।
रिलायंस इंटेलिजेंस रिलायंस की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी होगी, जिसका मकसद देश को एआई के क्षेत्र में मजबूत बनाना और इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे लाना है। मुकेश अंबानी ने स्पष्ट किया कि एआई पहले से ही रिलायंस के डीप-टेक ट्रांसफॉर्मेशन का केंद्र है और अब इसे और गति देने के लिए यह अलग इकाई बनाई जा रही है। इस पूरी रणनीति के केंद्र में गूगल और मेटा (फेसबुक की मूल कंपनी) जैसी वैश्विक दिग्गज कंपनियों के साथ साझेदारी है। गूगल के साथ मिलकर रिलायंस जमनगर में नया क्लाउड रीजन स्थापित करेगा, जबकि मेटा और रिलायंस मिलकर भारतीय व्यवसायों को ओपन-सोर्स एआई मॉडल उपलब्ध कराएंगे। इसका मकसद यह है कि एआई केवल बड़ी कंपनियों तक सीमित न रहे, बल्कि छोटे कारोबारियों और आम उपभोक्ताओं के लिए भी सुलभ हो।
अंबानी ने रिलायंस इंटेलिजेंस के चार प्रमुख मिशन गिनाए। पहला, भारत के लिए अगली पीढ़ी का एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना। इसके लिए गीगावॉट-स्तर के एआई-रेडी डेटा सेंटर बनाए जाएंगे, जो हरित ऊर्जा से संचालित होंगे। जमनगर में इस पर काम शुरू भी हो चुका है। दूसरा, दुनिया की बेहतरीन टेक कंपनियों और ओपन-सोर्स समुदायों को रिलायंस की विशेषज्ञता के साथ जोड़कर ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना जो भारत-प्रथम अनुपालन और मजबूत आपूर्ति सुनिश्चित कर सके। तीसरा मिशन है, भारत के लिए भरोसेमंद और आसान एआई सेवाएं तैयार करना। ये सेवाएं उपभोक्ताओं, छोटे व्यवसायों और बड़े उद्योगों के लिए होंगी और शिक्षा, स्वास्थ्य तथा कृषि जैसे राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी।
अंबानी का कहना है कि ये सेवाएं बड़े पैमाने पर उपलब्ध और हर भारतीय के लिए किफायती होंगी। चौथा और अंतिम मिशन है, एआई प्रतिभा तैयार करना। रिलायंस इंटेलिजेंस विश्वस्तरीय शोधकर्ताओं, इंजीनियरों, डिजाइनरों और प्रोडक्ट बिल्डरों को एक साथ लाकर शोध और इंजीनियरिंग को जोड़ना चाहता है, ताकि विचार सीधे व्यावहारिक नवाचारों और समाधानों में बदले जा सकें। कुल मिलाकर, अंबानी का यह नया दांव भारत को एआई क्रांति में अग्रणी बनाने की कोशिश है। जैसे डेटा और जियो ने भारत की डिजिटल तस्वीर बदल दी, वैसे ही रिलायंस इंटेलिजेंस का लक्ष्य है कि एआई हर नागरिक की पहुंच में हो और भारत को वैश्विक एआई मानचित्र पर मजबूत स्थान दिला सके। अंबानी का विश्वास है कि यह नई कामधेनु आने वाले वर्षों में भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था को बदल देगी।