Mithilesh Yadav
17 Sep 2025
राजीव सोनी, भोपाल। मध्यप्रदेश के प्रमुख डेयरी ब्रांड ‘सांची’ दुग्ध संघ का नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) में मर्जर होने के बाद उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 1 साल के दौरान यह वृद्धि करीब 5 -6 फीसदी है। प्रदेश में अब दुग्ध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए बोनस का इंतजार है।
सरकार ने सहकारी समितियों के जरिए दूध बेचने वाले किसानों को बोनस राशि देने का ऐलान किया था। प्राइवेट सेक्टर दूध का खरीद मूल्य ज्यादा होने से किसान पसोपेश में हैं। मप्र सरकार ने करीब डेढ़ साल पहले मप्र के पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने और डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने बोनस राशि देने का ऐलान किया था। सांची दुग्ध संघ का नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड में मर्जर के बाद दुग्ध उत्पादकों की आमदनी में आंशिक बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
दुग्ध संघ के सूत्रों का कहना है कि इंदौर और भोपाल दुग्ध संघ द्वारा किसानों को 8 रुपए 40 पैसे प्रति फैट दूध का भुगतान किया जा रहा है। जबकि उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा 8 रुपए प्रति फैट खरीद मूल्य तय किया गया है। यह विडंबना ही है कि मप्र के दुग्ध संघ में ही किसानों को अलग-अलग खरीद मूल्य दिया जा रहा है। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में 9.50 रुपए प्रति फैट दूध का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए सहकारी दुग्ध संघों के प्रति किसानों का रुझान बढ़ नहीं पा रहा।
राज्य दुग्ध संघ का दावा है कि पिछले एक साल में पांच से छह प्रतिशत दूध का कलेक्शन बढ़ा है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात में उत्पादन घटा है। मप्र के और आगे बढ़ने के संकेत हैं।
[quote name="-देवेंद्र शर्मा, अभा सहकार, भारती डेयरी प्रमुख" quote="एनडीडीबी में सांची के विलय के बाद अपेक्षित लाभ नहीं हुआ। मप्र के सभी 6 दुग्ध संघों में दूध का एक ही खरीद मूल्य होना चाहिए। कई दुग्ध संघों के रेट अलग हैं। इससे किसान नाराज हैं। एक समान रेट की मांग को लेकर मप्र सहकार भारती प्रस्ताव पारित कर चुका है।" st="quote" style="2"]
[quote name="- कमल सिंह आंजना, अध्यक्ष, भारतीय किसान संघ मप्र" quote="सरकार द्वारा दूध उत्पादकों को बोनस राशि देने के बारे में नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। किसानों को 5 रु. प्रति लीटर बोनस राशि मिलेगी तो उन्हें फायदा होगा। किसान डेढ़ साल से बोनस का इंतजार कर रहे हैं।" st="quote" style="2"]